मलेरिया से मुक्ति की ओर बस्तर: साय सरकार के प्रयासों को मिली बड़ी सफलता, प्रकरणों में 8.52 प्रतिशत की आई कमी

मलेरिया की जांच करती मितानिन
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को बस्तर संभाग में बड़ी सफलता मिली है। सीएम विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है। राज्य शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बस्तर संभाग में मलेरिया धनात्मक दर 4.60 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.46 प्रतिशत रह गई है। वहीं वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2024 में मलेरिया के मामलों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) वर्ष 2015 में 5.21 था, जो घटकर 2024 में 0.98 हो गया है। बस्तर संभाग का API इसी अवधि में 27.4 से घटकर 7.11 तक पहुंचा है। 2023 की तुलना में 2024 में मलेरिया प्रकरणों में 8.52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
'मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़' हमारी सरकार के प्रयासों का परिणाम- सीएम साय
सीएम विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित स्वास्थ्य प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण में मिली यह सफलता स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत का प्रमाण है।

मलेरिया से मुक्ति के प्रयास जारी- स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। अभियान के तहत मच्छरदानी वितरण, घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार, और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। वर्ष 2024 में अभियान के 10वें और 11वें चरणों में विशेष निगरानी और उपचार कार्यों के चलते मलेरिया नियंत्रण को और बल मिला है। राज्य सरकार मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही है।
NVBDCP और WHO के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही सरकार
राज्य सरकार मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही है। सीएम श्री साय ने इस अभियान में योगदान देने वाले स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, मितानिनों और आमजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता सामूहिक प्रयासों से ही संभव हुई है और यह छत्तीसगढ़ को एक स्वस्थ और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

2309 गांवों में करीब 15 लाख 70 हजार लोगों की हुई थी मलेरिया जांच
उल्लेखनीय है कि, दिसम्बर-2020 व जनवरी-2021 के दौरान मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तीसरे और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पहले चरण के दौरान बस्तर और सरगुजा संभाग के 2309 गांवों में करीब 15 लाख 70 हजार लोगों की मलेरिया जांच की गई थी। बस्तर में मलेरिया को नियंत्रित करने में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के प्रभाव से नीति आयोग और यूएनडीपी (United Nations Development Program) भी प्रभावित है। उन्होंने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे देश भर के आकांक्षी जिलों में संचालित सर्वश्रेष्ठ अभियानों में से एक बताया है।
बस्तर और सरगुजा संभाग में मिली अभियान को सफलता
बस्तर और सरगुजा संभाग में अभियान की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार इसे नौ और जिलों में विस्तारित करने जा रही है। सरगुजा संभाग के पांचों जिलों के साथ ही बिलासपुर संभाग के चार जिलों मुंगेली, कोरबा, रायगढ़ और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, दुर्ग संभाग के तीन जिलों बालोद, कबीरधाम और राजनांदगांव तथा रायपुर संभाग के दो जिलों धमतरी और गरियाबंद में 25 जून से मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही मलेरिया उन्मूलन के इस गहन अभियान की पहुंच प्रदेश के कुल 21 जिलों तक हो जाएगी। अभियान के अंतर्गत 20 लाख 29 हजार लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी।

तीन चरणों की स्क्रीनिंग में 57- 60 प्रतिशत मरीजों में नहीं थे लक्षण
बस्तर संभाग में तीन चरणों की स्क्रीनिंग में पाए गए मलेरिया के मरीजों में 57 प्रतिशत से 60 प्रतिशत ऐसे मरीज थे जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं थे। नियमित सर्विलेंस के दौरान मलेरिया के ऐसे मामले पकड़ में नहीं आते हैं। बिना लक्षण वाले मरीज रिजर्वायर के रूप में समुदाय में रहते हैं और इनके द्वारा मलेरिया का संक्रमण होते रहता है। अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया और कुपोषण का भी कारण बनता है। अभियान के दौरान मलेरिया के दोनों तरह के मरीजों, लक्षण वालों और बिना लक्षण वालों का पूर्ण उपचार किया गया। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के दूसरे एवं तीसरे चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा मलेरिया के साथ-साथ कोविड-19 के लक्षणों वाले व्यक्तियों की भी स्क्रीनिंग की गई। अभी चौथे चरण में भी ऐसे लोगों की स्कीनिंग की जा रही है। अभियान के दौरान एक (1) से अधिक एपीआई वाले उप स्वास्थ्य केंद्रों के सभी गांवों में करीब 34 लाख मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण किया गया। घरों में मच्छर पैदा करने वाले स्रोतों को भी नष्ट किया गया।

वर्ष 2020- 21 में 60 प्रतिशत की आई थी कमी
बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे नतीजों को देखकर इसे मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के रूप में विस्तारित करते हुए दिसम्बर-2020 में सरगुजा संभाग के पांचों जिलों कोरिया, जशपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, सरगुजा और सूरजपुर में अभियान संचालित किया गया। वहां इस अभियान के पहले चरण में तीन लाख 89 हजार लोगों की मलेरिया जांच कर पॉजिटिव पाए गए लोगों का मौके पर इलाज किया गया। अभियान के असर से वहां अप्रैल-2020 की तुलना में अप्रैल-2021 में मलेरिया के मामलों में 60 प्रतिशत की कमी आई है।
