यूरिया के लिए भटक रहे किसान: 266 रुपये प्रति पैकेट की खाद हजार में भी नही मिल रही

यूरिया नहीं मिलने से किसान परेशान
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दुकानों में यूरिया नहीं मिलने से किसान परेशान 

बसतर में फसल बढ़वार के लिए यूरिया खाद की बढ़ी मांग। दुकानदार डिमांड भेज रहे हैं, लेकिन सरकार का तर्क है कि, मांग अनुरूप किसानों को पूर्ति किया जा चुका है।

अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर में इन दिनों यूरिया की डिमांड बढ़ गयी है। लेकिन निजी दुकानों में भी यूरिया की टोटा है, इसके चलते किसान परेशान हैं। 266 रुपए की प्रतिबोरी यूरिया 1000 रुपए में भी नहीं मिल रही है। किसान फसल की बढ़वार के लिए यूरिया का उपयोग कर रहे हैं और यूरिया छिड़काव का समय आ गया है। किसान मौसम खुलते ही यूरिया के लिए भटक रहे हैं। किसान जुगाड़ लगाकर दुकानदारों को मुंहमांगी कीमत देने मजबूर हैं।

उल्लेखनीय है कि, किसान फसल की बढ़वार के लिए यूरिया का ही उपयोग करते हैं। धान, मक्का व अन्य फसल में बोनी व रोपाई के समय ही डीएपी व अन्य रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं। इसके बाद बढ़वार से लेकर बाली निकलने के लिए भी यूरिया का ही उपयोग करते हैं। इस समय यूरिया की डिमांड बढ़ गयी है, लेकिन किल्लत है। वर्तमान में दुकानों में दुकानदार यूरिया नहीं होने की जानकारी देते नगर पंचायत बस्तर स्थित राव कृषि केंद्र के संचालक शुभम राव ने बताया 2 माह से यूरिया आ नही रहा है, हमने डिमांड भी दिया है, बाउजूद सरकार द्वारा हमें खाद उपलब्ध नही कराने से ऐसी स्थिति बनी है।

नैनो नहीं, दानेदार यूरिया की डिमांड
कृषि केंद्र संचालक राव ने हरिभूमि को बताया- कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष डिमांड के अनुरूप खरीफ फसल के लिए किसानों को खाद की पूर्ति की जा चुकी है। इसलिए हमे हालांकि किसानों को नैनो यूरिया का उपयोग करने सलाह दी जा रही है, पर किसान दानेदार यूरिया की मांग कर रहे हैं। लेकिन खाद खुले बाजार में भी गायब है। ग्राम किंजोली के किसान पुरुषोत्तम सुदर,बकावण्ड के मोतीराम,लुदु,ग्राम कोरटा के रामचन्द्र,नरहरि और ग्राम डाबगुड़ा नरसिंग ने बताया एक माह से अधिक समय से बाजार ने यूरिया खाद नही मिलने से खेतों की बढ़वार की समस्या आएगी। बारिश थमने और धूप निकलने के बाद यूरिया खाद की आवश्यकता होती है। बाजार के दुकानों से खाद पिछले दो माह से नही मिल रहा है।

पहली बार टूटा यूरिया के दाम का रिकॉर्ड
दो साल पहले यूरिया की सबसे अधिक किल्लत हुई थी। निजी दुकानों में प्रतिबोरी यूरिया अधिकतम कीमत 700 से 900 रूपए तक में बिका। वहीं किसान काम चलाने मजबूर थे, क्योंकि फसल में समय पर यूरिया डालना होता है,इसके कारण किसी के पास शिकायत भी नहीं कर पाते है। इस सीजन में यह रिकॉर्ड भी टूट गया और बाजार में 1000 रूपए तक में बिक रहा है।

सहकारी समितियों में पर्याप्त यूरिया : उप संचालक, कृषि
वहीं उप संचालक, कृषि राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि, जिले के सभी पंजीकृत किसानों को आदिम जाति सहकारी समितियों के माध्यम से डिमांड के अनुसार यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां तक कि, खाद की कमी दूर करने नैनो खाद की व्यवस्था की गई है। जिले ने अब तक सातों ब्लाक में एक भी पंजीकृत किसानों ने यूरिया खाद उपलब्ध नही होने की शिकायत नहीं की है।

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