बलरामपुर में स्वच्छ भारत मिशन फेल: लोग खुलेआम फेंक रहे कचरा, कार्रवाई से बच रहे जिम्मेदार अधिकारी

कचरा फेंकते हुए
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कचरा फेंकते हुए

बलरामपुर जिले में स्वच्छ भारत मिशन के दावे पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं। सड़कों और बाजारों में खुलेआम कचरा फेंका जा रहा है।

पृथ्वी लाल केशरी - बलरामपुर। स्वच्छ भारत मिशन की चमक-दमक और अधिकारीयों के दावों के बावजूद बलरामपुर जिले का नगरीय क्षेत्र गंदगी से जूझ रहा है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे तो खूब किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है। सड़कों, बाजार और चौक-चौराहों पर खुलेआम कचरा फेंका जा रहा है। इसके बावजूद गदंगी फैलाने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है।

इस अव्यवस्था को सुधारने के लिए प्रचार प्रसार भी नहीं किया जा रहा है। यह बात सत्य है कि, जिले के कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत परिपालन के लिए कड़े निर्देश दिए थे। लेकिन इसका पालन नगरीय निकाय क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बिल्कुल नहीं किया। जिला प्रशासन की टीम इस संबंध में जांच कर दोषी अधिकारियों की कलई खोल सकते है। पर राजनीति संरक्षण प्राप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

खुलेआम कचरा फैलाने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई
डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने का दवा जो किया गया है। गंदगी से बाजार परिसर, सामुदायिक स्थलो, चौक-चौराहों की साफ-सफाई कार्य पूरी तरह से चौपट होकर रह गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा संग्रहण के लिए ई-रिक्शा के माध्यम से कचरा संग्रहण करने का कार्य तो किया जा रहा है। जो समझदार नागरिक हैं उन्होंने गीला और सूखा कचरा देने का कार्य भी किया है। पर उन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जो खुलेआम सड़कों पर कचरा फेंक कर गंदगी और बीमारी फैलाने का काम कर रहे हैं।

अधिकारी और कर्मचारी हैं जिम्मेदार
खुले में सूखा और गिला कचरा फेंकने से लोगों में कई तरह की बीमारियां फैल रही है। जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ जीवन देने के लिए ही इस योजना का संचालन किया गया है। लेकिन बलरामपुर जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में यह योजना जितनी सफल होनी चाहिए थी उतनी सफल नहीं हो पा रही है। इसके लिए नगरीय निकाय क्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी पूर्ण तरीके से जिम्मेदार है यह बात जिले के सभी नागरिकों के बिच हाय दिन चर्चा का विषय बना रहता है। जिसका खामियांजा नगरीय निकाय क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

जुर्माना का बेहतर प्रावधान लेकिन पालन नहीं
स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगरीय निकाय क्षेत्रों में साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई दंड विधान का निर्देश जारी किया गया है। लेकिन इस जिले में इसकी कभी पालन नहीं की गई। उक्त अभियान के तहत आवासीय भवनों से रोड या गली में कचरा डालने पर 100 रुपए, दुकानों से रोड पर कचरा डालने पर 1000 रुपए, रेस्टोरेंट या होटल संचालकों की ओर से कचरा डालने पर 2 हजार रुपए, चाट पकोड़ी, चाय, ज्यूस, सब्जी इत्यादि का व्यवसाय ठेले पर करने वाले अगर कचरा फैलाता है ताे 100 रुपए, सार्वजनिक स्थल पर थूकने, खुले में पेशाब करने पर 200 रुपए, प्राइवेट अस्पताल, क्लिनीक, नर्सिंग होम इत्यादि के गंदगी फैलाने पर 3 हजार रुपए, सामान्य कचरा जलाते पाए जाने पर 500 रुपए का प्रावधान किया गया है। लेकिन इस नियम का जिले के नगरीय निकाय क्षेत्र में कभी पालन नहीं किया गया जिसका परिणाम यह है कि, गंदगी फैलाने वालों को खुली छूट दे दी गई है।

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