मास्टर ने दूसरी की छात्रा का पैर तोड़ डाला: निजी अस्पताल में तीन दिन से भर्ती है बच्ची

मास्टर ने दूसरी की छात्रा का पैर तोड़ डाला : निजी अस्पताल में तीन दिन से भर्ती है बच्ची
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छात्रा का निजी अस्पताल में चल रहा इलाज

बलरामपुर जिले के कंजिया स्कूल में मास्टर ने एक छात्रा की बुरी तरह से पिटाई कर दी।

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में हेड मास्टर की एक छात्रा के साथ अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। प्राथमिक शाला कंजिया में कक्षा दूसरी की छात्रा की हेडमास्टर ने जमकर पिटाई कर दी। जिससे छात्रा का पैर फैक्चर हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार, छात्रा का नाम ललित यादव है। वह प्राथमिक पाठशाला कंजिया में क़क्षा दूसरी में पढ़ती है। बताया जा रहा है कि, क्लास रूम में बात करने को लेकर हेडमास्टर हेरालुयूस एक्का ने छात्रा की जमकर पिटाई कर दी। जिससे छात्रा का पैर फैक्चर हो गया। छात्रा का इलाज पिछले तीन दिनों से निजी चिकित्सालय में चल रहा है। मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। अब तक हेडमास्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


चड्डाधारी नशेड़ी हेडमास्टर निलंबित
वहीं 12 अगस्त को बलरामपुर जिले में वाड्रफनगर ब्लाक के रूपपुर प्रायमरी स्कूल में पदस्थ हेडमास्टर को डीईओ ने निलंबित किया। नशे में धूत हेडमास्टर बोल-बम का चड्डा पहनकर स्कूल पहुंच गया। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला वाड्रफनगर रूपपुर प्रायमरी स्कूल का है।

डॉक्टर ने कहा- रोज पीने के लिए
मिली जानकारी के अनुसार, वाड्रफनगर विकासखंड के प्रायमरी स्कूल रूपपुर में हेडमास्टर मनमोहन सिंह शराब पीकर स्कूल पहुंच गया। वो शराब के नशे इस कदर धुत था कि, चड्डा पहनकर ही स्कूल पहुंच गया। हेडमास्टर बोल बम का भगवा रंग का कपड़ा पहन कर स्कूल आ गया। जब उनसे पूछा गया शराब पीकर क्यों आए हो तो हेडमास्टर ने कहा कि, मेरा इलाज चल रहा है। फ्रैक्चर है, इसलिए डॉक्टर ने दवा के रूप में 100-200 ग्राम रोज लेने को कहा है। इतना ही नहीं टेबल पर दोनों पैर रखकर आराम करने लगा।

इससे पहले दो बार हेडमास्टर को भेजा गया था नोटिस
स्थानीय लोगों का कहना है कि, हेडमास्टर हमेशा शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। कई बार हेडमास्टर की शिकायतें आ चुकी है। पहले दो बार शिक्षक को नोटिस भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।


हर साल शिक्षकों पर नशे में स्कूल आने का लगता है आरोप
बता दें छत्तीसगढ़ में हर साल शिक्षकों पर नशे में स्कूल आने के कई आरोप लगते हैं। लेकिन इसके बावजूद गिने-चुने मामलों में ही कार्रवाई की जाती है। बहुत कम मामलों में किसी स्थायी समाधान की पहल की जाती है।

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
इस संबंध में शिक्षाविद् जवाहर सूरी शेट्टी कहते हैं- 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि, जिन शिक्षकों को बच्चों को ज्ञान देना चाहिए, वही अगर शराब पीकर स्कूल आएंगे तो बच्चे उनसे क्या सीखेंगे? यह सिर्फ अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ऐसे मामलों में पहली बार गलती करने वाले शिक्षकों की काउंसलिंग जरूरी है, ताकि उन्हें सुधार का मौका मिल सके।'

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