चड्डाधारी नशेड़ी हेडमास्टर निलंबित: बोला था- डॉक्टर ने कहा है रोज पीने के लिए, DEO ने किया निलंबित

चड्डाधारी नशेड़ी हेडमास्टर निलंबित
कुष्ण कुमार यादव -बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में वाड्रफनगर ब्लाक के रूपपुर प्रायमरी स्कूल में पदस्थ हेडमास्टर को डीईओ ने निलंबित किया। नशे में धूत हेडमास्टर बोल-बम का चड्डा पहनकर स्कूल पहुंच गया। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला वाड्रफनगर रूपपुर प्रायमरी स्कूल का है।
मिली जानकारी के अनुसार, वाड्रफनगर विकासखंड के प्रायमरी स्कूल रूपपुर में हेडमास्टर मनमोहन सिंह शराब पीकर स्कूल पहुंच गया। वो शराब के नशे इस कदर धुत था कि, चड्डा पहनकर ही स्कूल पहुंच गया। हेडमास्टर बोल बम का भगवा रंग का कपड़ा पहन कर स्कूल आ गया। जब उनसे पूछा गया शराब पीकर क्यों आए हो तो हेडमास्टर ने कहा कि, मेरा इलाज चल रहा है। फ्रैक्चर है, इसलिए डॉक्टर ने दवा के रूप में 100-200 ग्राम रोज लेने को कहा है। इतना ही नहीं टेबल पर दोनों पैर रखकर आराम करने लगा।
बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर के प्रायमरी स्कूल रूपपुर में हेडमास्टर शराब के नशे में चड्डा पहनकर ही स्कूल पहुंच गया। जिसके बाद हेडमास्टर को डीईओ ने निलंबित किया. @BalrampurDist #Chhattisgarh @SchoolEduCgGov #teacher pic.twitter.com/S8pr49aiGV
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) August 12, 2025
इससे पहले दो बार हेडमास्टर को भेजा गया था नोटिस
स्थानीय लोगों का कहना है कि, हेडमास्टर हमेशा शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। कई बार हेडमास्टर की शिकायतें आ चुकी है। पहले दो बार शिक्षक को नोटिस भी जारी किया जा चुका है। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।
हर साल शिक्षकों पर नशे में स्कूल आने का लगता है आरोप
बता दें छत्तीसगढ़ में हर साल शिक्षकों पर नशे में स्कूल आने के कई आरोप लगते हैं। लेकिन इसके बावजूद गिने-चुने मामलों में ही कार्रवाई की जाती है। बहुत कम मामलों में किसी स्थायी समाधान की पहल की जाती है।
बलरामपुर में हेडमास्टर शराब के नशे में चड्डा पहनकर स्कूल पहुंच गया। सवाल पूछे जाने पर उसने कहा कि, मेरा इलाज चल रहा है। इसलिए डॉक्टर ने दवा के रूप में शराब पीने कहा है। pic.twitter.com/GLJ9wDRqMU
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बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
इस संबंध में शिक्षाविद् जवाहर सूरी शेट्टी कहते हैं- 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि, जिन शिक्षकों को बच्चों को ज्ञान देना चाहिए, वही अगर शराब पीकर स्कूल आएंगे तो बच्चे उनसे क्या सीखेंगे? यह सिर्फ अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ऐसे मामलों में पहली बार गलती करने वाले शिक्षकों की काउंसलिंग जरूरी है, ताकि उन्हें सुधार का मौका मिल सके।'
