10 जून, तारीख जो बलौदाबाजार के लिए बना नासूर: फूंक दी गई 12.5 करोड़ की सम्पत्तियां, न्याय की आस में बीता साल

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जला हुआ बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट 

10 जून 2024 के दिन बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट को फूंक दिया गया है। जिसमें 200 से अधिक गाड़ियां राख हो गईं थी और 25 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कुल मिलकर 12.5 करोड़ की संपत्ति नष्ट हो गई।

कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। 10 जून 2024 का दिन बलौदाबाजार के इतिहास में सिर्फ तारीख नहीं, बल्कि एक दर्दनाक याद बनकर उभरा है। ठीक एक साल पहले आज के ही दिन इस शांत शहर की फिजाओं में आंसुओं की गर्माहट और जलते भवनों का धुआं घुल गया था। इस दिन ने न सिर्फ शहर की दीवारें जलाईं, बल्कि लोगों के भरोसे और भावनाओं को भी खाक कर दिया।

महकोनी गांव की अमरगुफा में सतनाम पंथ के प्रतीक जैतखाम से जुड़ी घटना ने उस चिंगारी को जन्म दिया। जिसने बलौदाबाजार के सबसे बड़े कार्यालय को धधकते अंगारों में बदल दिया। 10 जून को दशहरा मैदान में जुटे हजारों लोग न्याय की उम्मीद लेकर आए थे, लेकिन अचानक भीड़ के बीच उपजे आक्रोश ने कानून और व्यवस्था को बंधक बना दिया। जो लोग शांतिपूर्वक अपनी आवाज उठाने आए थे, वही भीड़ की शक्ल में बदल गई और फिर जिला कार्यालयों में आग लगाई गई। एसपी, कलेक्टर कार्यालय, दमकल की गाड़ियां, आम जनता के वाहन कुछ भी नहीं बचा। 200 से अधिक गाड़ियां राख हो गईं। 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। शहर की सड़कों पर सिर्फ धुआं था और लोगों की आंखों में बेबसी। कुल मिलकर 12.5 करोड़ की संपत्ति नष्ट हो गई।

जांच के बाद 191 लोगों की हुई गिरफ्तारियां
बलौदाबाजार पुलिस ने घटना के बाद 14 गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। अब तक जांच के बाद 191 लोगों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। आरोपों में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव का नाम भी सामने आया. जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया। इस एक घटना ने सामाजिक संतुलन, राजनीतिक जिम्मेदारी और प्रशासनिक सतर्कता तीनों को कठघरे में खड़ा कर दिया। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत कलेक्टर और एसपी को निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उच्च स्तरीय बैठक लेकर स्थिति की गंभीरता को समझा। 12 जांच टीमें, 22 वरिष्ठ अफसर और न्यायिक जांच आयोग की घोषणा हुई। सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीबी बाजपेई की अध्यक्षता में आयोग इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है।

सोशल मिडिया में रखी जा रही निगरानी
वही जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि आगे ऐसी घटना दुबारा न हो इसके लिए सोशल मिडिया मे कड़ी निगरानी रखनी शुरू करवा दी है। सोशल मिडिया मे भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए गए है। पूरे साल भर में ऐसे 27 लोगों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कारवाई भी की जा चुकी है।

न्याय चाहता है बलौदाबाजार
इस घटना को जब एक साल बीत चुका है, शहर की सड़कों पर फिर से चहल-पहल है, कार्यालयों में लोग एवं कर्मचारी पहले की तरह निर्भीक आ जा रहे है। लेकिन दिलों में एक टीस अब भी बाकी है। लोग उस मनहूस दिन को भूलना चाहते है। बलौदाबाजार अब शांति चाहता है… न्याय चाहता है और सबसे बढ़कर, भरोसे की वापसी चाहता है।

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