गुम मोबाइल मिलते ही खिले चेहरे: बलौदा बाजार पुलिस की तकनीकी मुहिम लाई रंग, 45 लाख के मोबाइल किए गए बरामद

समाधान अभियान के तहत 305 गुम मोबाइल बरामद कर लोगों को लौटाए
कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में गुमशुदा मोबाइल की आस छोड़ चुके लोगों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। जब पुलिस ने उनका खोया हुआ मोबाइल फोन उन्हें लौटा दिया। बता दें कि पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के नेतृत्व में चलाए गए समाधान अभियान के तहत 305 गुम मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को सुपुर्द किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के विभिन्न थानों में दर्ज गुमशुदा मोबाइल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने सायबर सेल और सीसीटीएनएस टेक्निकल टीम की अभियान चलाकर मोबाइलों की खोजबीन के निर्देश दिए थे। टीम ने लगातार कई दिनों की कड़ी मेहनत, तकनीकी विश्लेषण और समर्पण के बल पर इन मोबाइलों को जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, कोरबा, महासमुंद, रायपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, सूरजपुर, खैरागढ़ सहित उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और बिहार जैसे विभिन्न जिलों और राज्यों से भी बरामद किया।
बलौदाबाजार पुलिस ने समाधान अभियान के तहत 305 गुम मोबाइल बरामद कर लोगों को लौटाए, जिसकी अनुमानित कीमत 45 लाख रुपये है। @BalodaBazarDist #Chhattisgarhnews pic.twitter.com/o2vq6dekg5
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) June 10, 2025
बरामद मोबाइलों की कुल अनुमानित बाजार कीमत लगभग 45 लाख रुपये बताई गई
दिनांक 10 जून को दोपहर 12 बजे, पुलिस कम्युनिटी हॉल बलौदाबाजार में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह, उप पुलिस अधीक्षक तुलसी लेकाम और अपूर्वा क्षत्रिय द्वारा मोबाइल मालिकों को उनके फोन सौंपे गए।
नागरिकों ने बलौदाबाजार पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए जताई खुशी
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान कहा, यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। आम जनता से अपील है कि यदि किसी को कहीं लावारिस मोबाइल मिलता है या कोई व्यक्ति बिना रसीद के कम कीमत में मोबाइल बेच रहा हो, तो इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें। चोरी या अपराध में प्रयुक्त मोबाइल का उपयोग कानूनन अपराध है। उन्होंने यह भी कहा कि हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह जागरूकता दिखाते हुए ऐसे मामलों में सहयोग करे और मोबाइल जैसे निजी डिवाइस को सुरक्षित रखें। इस अभियान में प्रधान आरक्षक विनोद सिंह, आरक्षक सूरज राजपूत, प्रशांत दीवान, धर्मेंद्र यादव, कमलेश श्रीवास, नारायण देवांगन, हेमंत पटेल, सत्यम यादव, एवं उमेश वर्मा की विशेष भूमिका रही।