तालाबों की बदहाली पर उठे सवाल: सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च, फिर भी पानी की एक बूंद नहीं

Dry pond
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सूखा तालाब 

सरकारी पैसों के दुरुपयोग का एक अनूठा उदाहरण बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत पलारी क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। यहां तालाब पर करोड़ों खर्च हो गए, लेकिन पानी की एक बूंद तक नहीं है।

कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। बलौदाबाजार जिले के नगर पंचायत पलारी क्षेत्र में तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन वास्तविक हालत बेहद चिंताजनक है। विशेष रूप से वार्ड क्रमांक 14 के मुक्तिधाम मार्ग पर स्थित तालाब, जो कि सौंदर्यीकरण योजना के तहत विकसित किया गया, आज सूखा पड़ा है।

तालाब के चारों ओर करोड़ों रुपये खर्च कर पक्की सड़क, स्ट्रीट लाइट्स, पचरी और पाथवे का निर्माण हुआ है। लेकिन तालाब में एक बूंद पानी नहीं है। गर्मी के इस मौसम में जहां जल संकट गहराया है, वहीं यह तालाब शो-पीस बनकर रह गया है। स्थानीय नागरिकों ने इस स्थिति को भ्रष्टाचार और योजनागत खामियों का नतीजा बताया है। तालाब में अगर योजना बनाकर पानी भरा जाता तो आस पास के घरों का जमीन के अंदर का वाटर लेवल भी ऊंचा रहता।

पानी भरने का श्रोत नहीं
जानकारी के अनुसार, तालाब में पानी भरने का कोई स्थायी स्रोत नहीं है और इसके पास से गुजरने वाली पुरानी नहर पर अतिक्रमण और सड़क निर्माण के कारण जल आवक पूरी तरह बंद हो चुकी है। यह वही नहर है जिससे पहले सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई होती थी।

पांच साल में पूरा नहीं हुआ काम
2021 में नगर पंचायत में एक एजेंसी के माध्यम से सौंदर्यीकरण का ठेका दिया गया था, लेकिन 2025 तक भी कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। तालाब किनारे गंदगी और कचरे के ढेर नियमित देखरेख की कमी को दर्शाते हैं।

अतिक्रमण हटाने की मांग
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि, जल स्रोतों को बहाल किया जाए, अतिक्रमण हटाया जाए और योजनाएं सिर्फ कागजों पर नहीं, धरातल पर भी प्रभावी बनें। प्रशासन अब इस पर क्या कदम उठाएगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

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