कुत्ते का जूठा भोजन परोसने पर हाईकोर्ट सख्त: कोर्ट ने छात्रों को मुआवजा देने का दिया आदेश

हाईकोर्ट ने प्रभावित छात्रों को मुआवजा देने का आदेश दिया है
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हाईकोर्ट 

बलौदाबाजार जिले के लच्छनपुर के शासकीय मिडिल स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा भोजन परोसने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रभावित छात्रों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के लच्छनपुर के शासकीय मिडिल स्कूल में बच्चों को कुत्ते का जूठा भोजन परोसने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रभावित छात्रों को मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट ने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की सुरक्षा और स्वच्छता पर ध्यान नहीं दिया गया।

दरअसल, 28 जुलाई को छात्रों को ऐसा मिड-डे मील परोसा गया जिसे आवारा कुत्ता पहले ही चाट चुका था। घटना के बाद 83 छात्रों को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाना पड़ा। अभिभावकों के दबाव पर जांच शुरू हुई। कलेक्टर ने कोर्ट को बताया कि भोजन परोसने वाली जयलक्ष्मी स्व-सहायता समूह को हटा दिया गया है और स्कूल के एचएम को निलंबित कर दिया गया। साथ ही, एसडीएम की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई है।

यह था पूरा मामला
आपको बता दें कि, बलौदाबाजार के पलारी ब्लॉक स्थित लच्छनपुर मिडिल स्कूल का है। जहां 28 जुलाई को रसोइयों द्वारा बनाए गए मध्यान्ह भोजन को आवारा कुत्ते द्वारा जूठा कर दिए जाने के बाद भी रसोइया एवं प्रधानपाठक ने जानबूझकर छात्रों को परोस दिया था और मामले को छुपाने का प्रयास किया था। इस दौरान 84 बच्चों को मध्यान्ह भोजन सेवन पश्चात् गुपचुप तरीके से एंटी रेबीज टीका लगवाए जाने एवं घटना को दबाने के प्रयास के संबंध में कलेक्टर बलौदाबाजार -भाटापारा के प्रतिवेदन के आधार पर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय लच्छनपुर के प्रभारी प्रधानपाठक नेतराम गिरि एवं शिक्षक एलबी वेदप्रकाश पटेल को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया।

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