पुलिसिंग को तकनीकी पंख: 'ई-साक्ष्य एवं IO-मितान' प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल समापन

Training workshop organized on 'e-Evidence and IO-Mitan' mobile app
कुश अग्रवाल - बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं के समावेश के साथ पुलिसिंग को और अधिक प्रभावशाली और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बलौदा बाजार पुलिस द्वारा 'ई-साक्ष्य एवं IO-मितान' मोबाइल ऐप पर आधारित पांच चरणों में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का समापन कार्यक्रम आज बलौदा बाजार पुलिस कम्युनिटी हॉल में सम्पन्न हुआ।
समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने प्रशिक्षण कर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें मिले प्रशिक्षण का अधिकतम उपयोग करते हुए विवेचना कार्य को प्रभावी बनाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि, नवीन विधिक संरचना में तकनीक का समुचित उपयोग ही न्यायिक प्रक्रिया को गति देगा, और इन ऐप्स के माध्यम से साक्ष्य संकलन तथा घटनास्थल निरीक्षण अधिक व्यवस्थित होगा।
बलौदाबाजार जिले में पुलिसिंग को और अधिक प्रभावशाली और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से 'ई-साक्ष्य एवं IO-मितान' मोबाइल ऐप पर आधारित पांच चरणों में प्रशिक्षण कार्यशाला का किया गया आयोजन... @BalodaBazarDist #Chhattisgarh pic.twitter.com/SbuyqHC38K
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) May 18, 2025
IO-मितान और ई-साक्ष्य मोबाइल ऐप की बारीकियों की दी गई जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न थाना व चौकियों में पदस्थ कुल 150 विवेचकों को ई-साक्ष्य संग्रहण व प्रलेखन हेतु IO-मितान एवं ई-साक्ष्य मोबाइल ऐप की बारीकियों की जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण प्रधान आरक्षक विनोद सिंह एवं अन्य विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया। कार्यशाला में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत विवेचना की प्रक्रिया में तकनीकी उपकरणों के महत्व को रेखांकित किया गया। ई-साक्ष्य एवं IO-मितान ऐप्स के माध्यम से घटनास्थलों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी एवं अन्य डिजिटल साक्ष्य का एकत्रीकरण अब अधिक प्रभावी रूप से संभव होगा।

इनको किया गया सम्मानित
पुलिस मुख्यालय, रायपुर के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यशाला को बलौदा बाजार जिला पुलिस बल ने सफलतापूर्वक संपन्न किया, जिससे जिले की विवेचना प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। वहीं विभिन्न अपराधों में उत्कृष्ट विवेचना करने वाले चार अधिकारियों को पुलिस अधीक्षक ने काप ऑफ द मंथ के रूप में सम्मानित किया गया।
