अवैध ईंट भट्टे पर कार्यवाही: प्रतिबन्ध के बाद भी हो रहे थे संचालित, ईंट निर्माण के लिए दे रहे थे पेड़ों की बलि

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एसडीएम कार्यालय डोंगरगढ़  

डोंगरगढ़ क्षेत्र में अवैध तरीके के संचालित ईंट भट्टे पर प्रशासन ने दबिश देकर कार्यवाही की। प्रतिबन्ध के बाद भी इलाके में लंबे समय से लाल ईंट के भट्टे चल रहे थे।

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ क्षेत्र में राजस्व विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है। यहां के ग्राम माटेकटा में दो बड़े अवैध लाल ईंट के भट्टे पर दबिश दी। इस दौरान लाल ईंट और कटे पेड़ों की लकड़ियों को जब्त किया। जिसकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। प्रतिबन्ध के बावजूद इलाके में लंबे समय से अवैध रूप से लाल ईंट बनाया जा रहा था।

मिली जानकारी के अनुसार, डोंगरगढ़ के आस- पास के इलाकों में अवैध रेत, मुरम खनन, लाल ईंट का निर्माण का काम चल रहा है। जिसके चलते प्रकृति को बहुत नुकसान हो रहा है। हरे भरे वृक्ष , फलदार वृक्ष की कटाई कर अवैध कारोबारी लाल ईट भट्टे का निर्माण करते आ रहे हैं। वहीं इन सब पर प्रशासन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती है जिसके चलते इनके हौसले बुलंद है।

कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति
सूत्रों की माने तो सभी क्षेत्रों में हल्का पटवारी होते हैं और उनको सारे अवैध ईंट भट्टे, रेत मुर्म खनन की जानकारी होते हुए भी इसका रोक थाम नहीं करते हैं। जिससे अवैध कारोबारीयो का मनोबल बढ़ा हुआ होता है। जब कोई शिकायत उच्च अधिकारियों को करते हैं तब प्रशासन आनन फानन में खाना पूर्ति करने किसी एक कारोबारी पर कार्यवाही करते हैं। सिर्फ़ फाइन काट कर अवैध कारोबारियों को छोड़ दिया जाता है और उनके द्वारा बनाए ईंट को भी उन्हें सौप देते हैं।

अवैध कारोबारियों की हो रही अनदेखी
अवैध कारोबार करने वाले प्राकृति को लगातार नुकसान पहुंचाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के भीतर कई शासकीय कार्यालयों के सामने से ही ट्रैक्टर की ट्रॉली से भरी रेत, मुर्म ईट लेकर गुजरते हैं। प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले इन अवैध कारोबारियों पर तो हत्या के आरोप के आधार पर कार्यवाही शासन प्रशासन को नया नियम ला कर सीधे जेल भेजना चाहिए न की खानापूर्ति करना चाहिए। वहीं मामले में एसडीएम अभिषेक तिवारी ने कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है।

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