38 लाख कार्डधारियों ने नहीं कराया केवाईसी: इनको राशन मिलना बंद, होगा भौति सत्यापन

राज्य में राशन लेने वाले 38 लाख सदस्य संदिग्ध, राशन बंद, जांच के आदेश
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छत्तीसगढ़ में पीडीएस सिस्टम से राशन लेने वाले राशन कार्डधारियों में से 38 लाख सदस्य (हितग्राही) ऐसे हैं, जिन्होंने अपना केवाईसी नहीं करवाया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पीडीएस सिस्टम से राशन लेने वाले राशन कार्डधारियों में से 38 लाख सदस्य (हितग्राही) ऐसे हैं, जिन्होंने अपना केवाईसी नहीं करवाया है। इनमें सबसे अधिक 34 लाख बीपीएल के और 4 लाख एपीएल राशन कार्ड धारक हैं। इन्हें संदिग्ध माना जा रहा है। अब इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फील्ड में जाकर इस संबंध में भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।

निधन के बाद भी नाम विलोपित नहीं
छत्तीसगढ़ में राशनकार्ड सदस्य (हितग्राही) की कुल संख्या 2 करोड़ 73 लाख है। इनमें से 2 करोड़ 35 लाख का ईकेवाईसी हो चुका है। इनमें से 34 लाख बीपीएल राशनकार्ड के सदस्य तथा 4 लाख एपीएल के हैं। राज्य के सभी राशन कार्ड धारियों से कहा गया था कि वे अपने कार्ड में शामिल सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य किया गया था कि वे अपने क्षेत्र की राशन दुकानों में जाकर आधार के माध्यम से ईकेवाईसी करवाएं। इसके लिए साल भर से अधिक समय दिया गया। इसके लिए अंतिम अवसर 30 जून तक था, लेकिन फिर भी ये लोग नहीं आए। ये भी संभव है कि कुछ सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम विलोपित नहीं हुए हैं, लेकिन अगर एक कार्ड के एक सदस्य की मौत हुई है तो बाकी अपना ईकेवाईसी तो करवा सकते हैं।

अब राशन बंद
बताया गया है कि 30 जून तक केवाईसी नहीं करवाने वाले राशन कार्डों पर राशन देना बंद कर दिया गया है। लेकिन अब ये सवाल भी खड़ा हो गया है कि जिन लोगों ने ईकेवाईसी नहीं करवाया है, क्या उनके राशन कार्ड फर्जी हैं और वे नाम संदिग्ध है। जो बरसों से इसी राशन कार्ड के आधार पर अरबों रुपयों का राशन उठा चुके हैं।

सरकार ने शुरु की जांच
इस पूरे मामले लेकर राज्य सरकार ने जांच शुरु कर दी है। अब संदिग्ध राशन कार्डों की भौतिक जांच शुरु कर दी गई है। बताया गया है कि यह पूरा मामला केंद्र सरकार की नजर में भी है केंद्र ने इस गड़बड़ी की जांच करने के लिए कई बिंदुओं के आधार पर निर्देश दे रखे हैं।

पांच साल में बढ़े हैं 20 लाख राशन कार्ड
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार राज्य में पिछले पांच साल के दौरान राशन कार्डों की संख्या 20 लाख बढ़ी है। ये भी संभव है कि जिन राशन कार्डों को संदिग्ध माना जा रहा है, उनमें इन 20 लाख के साथ ही पुराने राशनकार्ड धारी भी शामिल हों। भारत सरकार ने राज्य को जांच के लिए जो निर्देश दिए हैं उनमें यह जांच करने कहा गया है कि कितने राशन कार्ड एकल सदस्यीय हैं, कितनों ने पिछले 12 महीनों से राशन नहीं उठाया। इसी तरह कुछ अन्य बिंदु संदिग्ध राशन कार्ड सदस्यों की जांच से संबंधित हैं।

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