बस्तर के 1500 से ज्यादा स्कूल जर्जर: यहां नहीं लगेंगी कक्षाएं, विकल्प ढूंढा जा रहा

बस्तर के 1500 से ज्यादा स्कूल जर्जर :   यहां नहीं लगेंगी कक्षाएं, विकल्प ढूंढा जा रहा
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नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ होने में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। अब तक मरम्मत नहीं हो सकी। ऐसे में जर्जर भवन में ही बच्चे अपना भविष्य गढ़ने पर बाध्य होंगे।

अनिल सामंत - जगदलपुर। नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ होने में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। चंद दिनों के भीतर जर्जर हो चुके भवन की अब तक मरम्मत नहीं हो सकी। ऐसे में जर्जर भवन में ही बच्चे अपना भविष्य गढ़ने पर बाध्य होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहा है। शासन की लचर और उदासीन व्यवस्था के बीच बच्चे अध्ययन करने को बाध्य होंगे। बकावण्ड ब्लाक के कोरीगांव संकुल के अंतर्गत प्राथमिक शाला चिखलकरमरी स्कूल भवन का छज्जा जर्जर होकर कभी भी भरभराकर गिरने की आशंका है। यही हाल संभाग के अन्य स्कूलों का है। कहीं संस्था के दीवार में दरार पड़ी है, तो कहीं रोशनदान में फाटक नहीं है। अधिकांश स्कूलों में शौचालय जर्जर होने से बालिकाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि बस्तर संभाग के 7 जिलो में 1542 स्कूल भवन की हालत अत्यंत चिंताजनक है। कुछ समय बाद नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होगा।

बस्तर सम्भाग में ऐसे हजारो स्कूल हैं जिनका संचालन वर्षों से जर्जर भवनों में हो रहा है। विभाग द्वारा जर्जर भवनों के सुधार की पहल नहीं की गई नए सत्र में अपना भविष्य गढ़ने के लिए बच्चे पानी टपकते भवनों में पढ़ाई करने मजबूर होंगे। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में स्कूल जतन योजना के तहत कई स्कूलों की मरम्मत होने का दावा किया गया था, जिसमे लाखों रुपए खर्च हुए, पर आज भी 1542 विद्यालय ऐसे हैं, जिसका काम शुरू ही नहीं हो सका है। सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों का दावा है, जर्जर स्कूल भवनों का मरम्मत व सुधार कार्य जारी है। लेकिन ग्राउंड जीरो पर ऐसे स्कूल भवनों को देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है, कि मरम्मत कार्य शुरू ही नहीं किया गया है। उल्लेखनीय हो कि 15 जून से नया शिक्षा सत्र प्रारंभहोगा। इतने कम अवधि में जर्जर स्कूल भवन को कैसे दुरस्त किया जाएगा।

जिलों में कितने भवन जर्जर
बस्तर संभाग के 7 जिलों में कुल 1542 स्कूल भवन जर्जर होने की पुष्टि लोक शिक्षण संस्था बस्तर संभाग ने की है। विभाग के मुताबिक बस्तर जिले में सर्वाधिक 546 स्कूल भवन जर्जर स्थिति में है। इनमें सबसे ज्यादा प्राथमिक शाला 394, माध्यमिक शाला 141, हाई स्कूल 5 और हायर सेकंडरी 6 भवन साम्मलित है। इसी तरह बीजापुर जिले में 97 प्राथमिक शाला, 20 माध्यमिक शाला जर्जर है। दंतेवाड़ा में 45 प्राथमिक शाला, 6 माध्यमिक शाला साम्मलित है। कांकेर जिले में 281 प्राथमिक शाला, 94 माध्यमिक, 2 हाई स्कूल और 1 हायर सेकंडरी स्कूल भवन जर्जर हालात में है। कोंडागांव जिले में 198 प्राथमिक विद्यालय, 103 माध्यमिक शाला 2 हाई स्कूल कुल 303 खराब हो चुके स्कूल भवन बच्चे पढ़ाई करेंगे। नारायनपुर जिले में 12 प्राथमिक शाला, 8 माध्यमिक शाला, 1 हाई और 1 हायर सेकंडरी स्कूल में मरम्मत की आवश्यकता है। सुकमा जिले के 90 प्राथमिक शाला, 30 माध्यमिक शाला, 3 हाई स्कूल व 1 हायर सेकंडरी जर्जर स्कूल भवन में अध्ययन करने पर मजबूर होंगे।

की जाएगी वैकल्पिक व्यवस्था
बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने बताया कि, अधिकांश जर्जर भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था पिछले साल कर दी गई थी। नए शिक्षा सत्र में किसी भी जर्जर स्कूल भवन मे कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाएगा। स्कूल भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त भवनों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। स्कूल जतन योजना के अधिकांश कार्य पूरे हो गए है।

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