120 शिक्षक मूल्यांकन के लिए बैन: इनकी जांची कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन के बाद बढ़े 20-50 अंक

120 शिक्षक मूल्यांकन के लिए बैन : इनकी जांची कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन के बाद बढ़े 20-50 अंक
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पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के परिणाम जारी किए जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने उन शिक्षकों पर कार्रवाई की है।

रायपुर। पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के परिणाम जारी किए जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल ने उन शिक्षकों पर कार्रवाई की है, जिन्होंने मूल्यांकन में कार्य में लापरवाही बरती। माशिम ने ऐसे 120 शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में प्रतिबंधित कर दिया है, जिनके द्वारा जांची गई कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गणना के बाद अंकों में 20 से 50 नंबर तक की वृद्धि हुई है। तीन श्रेणियां बनाकर इन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। पहली श्रेणी में उन शिक्षकों को रखा गया है, जिनकी जांची कॉपियों में पुनर्मूल्यांकन-पुनर्गणना के बाद 20 से 40 नंबर बढ़े हैं। इन पर तीन वर्ष का प्रतिबंध लगाया गया है।

दूसरी श्रेणी में उन शिक्षकों को रखा गया है, जिनके द्वारा मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं में 50 नंबर तक आरटी-आरवी के बाद बढ़े हैं। इन्हें 5 सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया है। तीसरी श्रेणी उन शिक्षकों की है, जिनकी कॉपियों में 50 नंबर से भी अधिक अंक बढ़ गए हैं। इन पर 6 साल का बैन लगा है। ना केवल मूल्यांकन कार्य बल्कि इन्हें माशिम के सभी तरह के पारिश्रामिक कार्यों से वंचित किया गया है। यही नहीं इन शिक्षकों की एक वर्ष की वेतनवृद्धि रोकने विभाग से अनुशंसा की गई है। इन शिक्षकों की सूची माशिम की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

आसान विषयों में भी गलती
ना केवल गणित और विज्ञान जैसे जटिल विषय, बल्कि अपेक्षाकृत आसान विषयों में भी लापरवाही बरती गई है। पशुपालन, फसल उत्पादन जैसे विषयों की उत्तरपुस्तिकाएं भी शिक्षक उचित रूप से नहीं जांच सकें हैं। दसवीं कक्षा में सर्वाधिक त्रुटियां सामाजिक विज्ञान के विषय में हुई है। जबकि बारहवीं कक्षा में हिन्दी के 11, रसायनशास्त्र के 6, अंग्रेजी व व्यवसाय अध्ययन के 5, अर्थशास्त्र के 4, भौतिकशास्त्र व जीव विज्ञान के 3, राजनीति विज्ञान, कृषि व फसल उत्पादन के 2 तथा गणित व पशुपालन विषय के एक-एक शिक्षक पर कार्रवाई हुई है।

12वीं से अधिक लापरवाही 10वीं में
दसवीं कक्षा के मूल्यांकन कार्य में बारहवीं कक्षा की तुलना में अधिक लापरवाही बरती गई है। 10 कक्षा में प्रतिबंधित मूल्यांकनकर्ताओं की सूची अनुसार प्रथम श्रेणी में 59, द्वितीय श्रेणी में 6 तथा तृतीय श्रेणी में एक शिक्षक है। बारहवीं कक्षा में प्रथम श्रेणी में 47 तथा द्वितीय श्रेणी में 7 शिक्षक है। दोनों बोर्ड कक्षा मिलाकर तृतीय श्रेणी में प्रतिबंधित एकमात्र शिक्षक द्वितीय श्रेणी में 7 शिक्षक है। दोनों बोर्ड कक्षा मिलाकर तृतीय श्रेणी में प्रतिबंधित एकमात्र शिक्षक जांजगीर-चांपा के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जर्वे के सीएस भारद्वाज है। उनके द्वारा दसवीं कक्षा में जिस छात्र की सामाजिक विज्ञान की उत्तरपुस्तिका जांची गई थी, उसमें पुनर्मूल्यांकन के बाद 50 से अधिक अंक बढ़े हैं।

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