विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर चर्चा: सीएम बोले- यह महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी दूर करने वाला विचार

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रायपुर। नए विधानसभा भवन में रविवार से शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ। पहले दिन विजन डॉक्यूमेंट 2047 की रुपरेखा पर मैराथन मंथन हुआ। कार्यवाही प्रारंभ होते ही वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन के पटल पर विजन डॉक्यूमेंट 2047 की रुपरेखा को सदस्यों के सामने रखा। विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने पहले दिन की चर्चा का बहिष्कार का ऐलान किया था, इसलिए चर्चा में उन्होंने भाग नहीं लिया।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि, हर वर्ग से मुलाकात करके युवा, महिला, किमान, व्यापारी, सभी वर्गों में अलग-अलग बैठकर उनसे सब मशविरा करके यह विजनडॉक्यूमेंट तैयार हुआ है और मैं भी अनेक अवसरों पर उनके साथ रहा हूं तो इस तरह से हमारा यह विजन डॉक्यूमेंट तैयार हुआ है और इसमें कुल शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि जैसे अधोसंरचना जैसे 13 क्षेत्रों को विशेष फोकस करके और 10 विजन का गठन करके हम लोगों ने इस विजन डॉक्यूमेंट को बनाया है और उस अनुसार कार्य करने का सरकार का प्रयास है। उस पर बहुत से सदस्यों ने अपने सुझाव भी दिए हैं।
विजन 2047 आने वाले वर्षों में राज्य के विकास की दिशा करेगा तय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ अंजोर विजन-2047 पर चर्चा करते हुए कहा कि, यह विजन प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का स्पष्ट रोडमैप है। यह दस्तावेज आने वाले वर्षों में राज्य के विकास की दिशा तय करेगा। उन्होंने इस मौके पर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनने के लिए सभी सदस्यों से आव्हान किया। उन्होंने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए राज्य के अतीत, वर्तमान उपलब्धियों और भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला। श्री साय ने चर्चा की शुरुआत में कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ 2047 इसके लिए वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम ने बहुत मेहनत की। उन्होंने आज अपने प्रस्तावना उद्बोधन में सारी बातों को बताया भी है।
15 साल के कार्यकाल में अपने छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी किया विकास
मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विधानसभाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के बारे में कहा कि, उन्होंने लगातार 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सेवा की है। यह छत्तीसगढ़ जो एक गरीब और पिछड़ा हुआ प्रदेशभर उसको आपने देश में एक नई पहचान दी। मैं ग्रामीण क्षेत्र का, इसलिए मुझे मालूम है कि गरीबी क्या होती है। गरीब लोग कोदो कुटकी, उनको वह भी नसीब नहीं होता था। यह वह क्षेत्र था, जहां जागी की भूख सरगुजा संभाग का महुआ खाते थे, कभी-कभी उनको वह भी नसीब नहीं होता था। यह वह क्षेत्र था, जहां लोगों की भूख से मौत होती थी, लेकिन आपके मुख्यमंत्री (डॉ रमन) बनने के पश्चात खाद्य सुरक्षा कानून लाया गया। आज कोई मूख का नामोनिशान नहीं है और आप चाउर वाले बाबा के नाम से भी विख्यात हुए। आपने अपने 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास किया।
अल्पकाल में वादे निभाने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा है कि, हम लोगों को जनता ने सरकार में चौथी बार बैठाया है तो आज दो साल के कम समय में ही हमारी पार्टी का, हमारे प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता से जो वादा था, उसको हमने अल्पकाल में पूरा करने का प्रयास किया है। सरकार में शपथ लेने के दूसरे ही दिन पहले कैबिनेट में सरकार ने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। आज मुझे सदन में यह बात बताते हुए फक्र होता है कि दो माल के अंदर 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति हो गई है। अभी तक 7-8 लाख प्रधानमंत्री आवास बन भी चुके हैं। अभी हम लोग तीसरा साल किसानों का धान खरीद रहे हैं। 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान का कीमत भी दे रहे है और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान भी खरीद रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए हम महतारी वंदन योजना में 22 किस्त दे चुके हैं। हर महीना पहले ही सप्ताह में 70 लाख महिलाओं के खाते में एक-एक हजार रुपए भेजने का काम करते हैं। श्री साय ने सिलसिलेवार सरकार के कामों का जिक्र किया।
बिल्ली की आवाज ने बदला सदन का माहौल
नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन में चल रही कार्यवाही के दौरान उस वक्त कुछ देर के लिए माहौल बदल गया, जब सदन के भीतर अचानक बिल्ली की म्याऊं-म्याऊं की आवाज सुनाई देने लगी। इस वक्त वित्त मंत्री ओपी चौधरी विजन डॉक्यूमेंट पर संबोधन दे रहे थे। दीर्घा के ऊपर से आती आवाज ने पहले तो सदन में मौजूद सदस्यों को असमंजस में डाल दिया। कुछ विधायकों को लगा कि कहीं किसी का मोबाइल बज रहा है, लेकिन बार-बार आती आवाज ने सभी का ध्यान खींच लिया। स्पीकर से लेकर मंत्री और विधायक तक छत की ओर देखने लगे। बीच-बीच में बिल्ली की आवाज गूंजने से सदन में हल्की-फुल्की मुस्कान भी देखने को मिली।
