बेमौसम बारिश का कहर: खेतों में सड़ रही फसल, दवा भी नहीं आई काम

बेमौसम बारिश का कहर : खेतों में सड़ रही फसल, दवा भी नहीं आई काम
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File Photo 

असमय हुई बरसात ने किसानों की मेहनत पर खासा असर डाला है। हालत यह है प्रदेश के कई हिस्सों में खेतों में फसल सड़ रही है।

रायपुर। असमय हुई बरसात ने किसानों की मेहनत पर खासा असर डाला है। हालत यह है प्रदेश के कई हिस्सों में खेतों में फसल सड़ रही है । दूसरी ओर कीट प्रकोप ने भी किसानी की की कमर तोड़ दी है। कृषकों का कहना है कि छिड़की गई दवाएं भी कारगर साबित नहीं हो पाई हैं। पिछले सप्ताहभर से बेमौसम बारिश और बदली की वजह से दुर्ग सहित प्रदेशभर में टमाटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर में लगे फूल झड़ रहे हैं। जहां टमाटर की पैदावारी शुरू हो गई है, वहां पानी भरने की वजह से पौधों को क्षति पहुंच रही है। दुर्ग जिले में सबसे ज्यादा टमाटर की पैदावारी धमधा ब्लॉक में होती है। किसानों के हिसाब से यहां 35 प्रतिशत टमाटर व सब्जी की फसल मौसमी मार की वजह से खराब हो गई है।

खास बात यह है कि, उद्यानिकी विभाग ने किसानों से फसल नुकसानी का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन क्षतिपूर्ति उन्ही किसानों को मिलेगी, जिन्होंने फसल का बीमा करवाया है। आरबीसी 6-4 के तहत फसल क्षति सर्वे का निर्णय प्रशासन ने नहीं लिया है। धमधा ब्लॉक के परसुली गांव के किसान भागीरथी पटेल ने 4.85 एकड़ क्षेत्रफल में टमाटर की फसल ली है। बारिश की वजह से टमाटर की फसल चौपट हो गई है। बदली मौसम की वजह से टमाटर में कीड़े भी लग गए। वे बतातें है कि इसे कंट्रोल करने के लिए दवाई का भी इस्तेमाल किया, लेकिन कोई फायदा नहीं पहुंचा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक ननकट्टी से टमाटर फसल के लिए ऋण लिया है। बीमा भी कराया है। पटेल के मुताबिक करीब 12 लाख रुपए के टमाटर फसल को नुकसान पहुंचा है। पटेल ने कलेक्टर को क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन लगाया है।

धमतरी में सड़ रही है फसल
धमतरी में भी इस साल किसान मौसम की मार झेल रहे हैं। दीपावली जाने के बाद भी वे कटाई मिंजाई नहीं करवा पा रहे हैं। किसान शिव साहू, युवराज शर्मा ने बताया कि उनका खेत बीच में पड़ता है। आसपास धान की कटाई नहीं हुई है। उनकी फसल पक चुकी है और बेमौसम बारिश से खेतों में सो गई है। खेतों में पानी भरा हुआ है. जिससे फसल सड़ रही है। गिरधर साहू ने बताया कि उन्होंने सांभा और सरना धान लगाया है। सांभा पककर तैयार है. सरना अभी हरा है। बारिश और तेज हवा से दोनों फसल जमीन पर बिछ गई है। सांभा धान की कटाई वे हाथों से करवा रहे हैं। सरना वाले खेतों में पानी भरा है, जिसके चलते फसल सड़ रही है।

4.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सब्जी की पैदावारी
प्रदेशभर में साग-सब्जी की पैदावारी 4.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो रही है। जिसमें सब्जियों की पैदावारी 68 लाख 92 हजार 500 मिट्रिक टन होती है। अकेले दुर्ग जिले में इस साल साग-सब्जी 7924 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लिया गया है। जिसमें टमाटर 380280 मिट्रिक टन टमाटर उत्पादन होता है। बेमौसम बारिश की वजह से टमाटर के अलावा धनिया, पालक, लाल माजी, गोभी, मेथी, सरसों आदि सब्जियों को नुकसान पहुंच रहा है।

बालियों में अंकुरण
किसान खेमराज सिन्हा ने बताया कि बारिश से पहले उन्होंने धान की कटाई करवा ली थी। बारिश से धान का करपा भीग गया है। अब स्थिति यह है कि करपा में नीचे की बालियों में अंकुरण आ गया है। यह स्थिति आसपास के कई किसानों के खेतों की है। उन्होंने बताया कि दो चार दिन मौसम सूखा होगा तभी वे मिंजाई के कार्य को आगे बढ़ा पाएंगे।

खेतों की स्थिति हुई खराब
लगातार बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है। फसल पकने के बाद किसान मजबूरी में चेन हार्वेस्टर से कटाई करवा रहे हैं, इससे खेत बुरी तरह से खराब हो रहे हैं। यही नहीं खेतों में ट्रैक्टर चलना भी मुश्किल हो गया है। चेन हार्वेस्टर से मिंजाई तो हो रही है, लेकिन खेतों से घर तक धान लाने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं।

दलहन तिलहन में उड़द, मूंग, रागी, झुरगा की फसल भी प्रभावित
मैनपुर क्षेत्र में दलहन तिलहन के तहत किसान उड़द, मूंग, रागी, झुरगा की सैकड़ों एकड़ में खेती वर्षों से करते आ रहे है और फसल तैयार हो गई है, लेकिन बेमौसम बारिश और बदली के कारण दलहन तिलहन के फसल के उत्पादन में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। कुल्हाडीघाट क्षेत्र में मिलने वाली झुरगा की फसल को पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर क्वालिटी फसल के रूप में जाना जाता है।

हल्दीगांठ और लकवा का प्रकोप
गरियाबंद जिले के मैनपुर देवभोग सहित पूरे जिले में सैकड़ों एकड़ धान की फसल बेमौसम बारिश और आंधी से टूटकर गिर गई है। जिला कृषि विभाग के उपसंचालक चंदन राय ने बताया बेमौसम बारिश और बदली से निश्चित रूप से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। मैनपुर देवमोग अमलीपदर, गोहरापदर क्षेत्र में मौथा चक्रवाती तूफान का असर अभी भी देखने को मिल रहा है। क्षेत्र के किसान टीकम कपिल, अर्जुन नायक, जन्मेजय नेताम, नरेन्द्र साहू, राजेन्द्र साहू, भागीरथी पटेल, याति राम पटेल महेन्द्र नेताम ने बताया कि इस वर्ष धान की फसलों में हल्दीगांठ व लकवा का प्रकोप ज्यादा दिखाई दे रहा है।

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