उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम: बुजुर्गों ने दिलाई महापरीक्षा, नाम लिखने के साथ ही जोड़- घटाना सीखा

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत बुजुर्ग ने दिलाई महापरीक्षा
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उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत बुजुर्ग ने दिलाई महापरीक्षा

उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत महापरीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें 15 से 65 वर्ष आयु के परीक्षार्थियों ने भाग लिया।

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संचालित उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत बलौदा बाजार जिले में महापरीक्षा का आयोजन किया गया। जिलेभर में आयोजित इस परीक्षा में 15 से 65 वर्ष आयु के परीक्षार्थी उत्साह के साथ शामिल हुए। कई बुजुर्ग परीक्षार्थियों ने बताया कि, बचपन में गरीबी, परिस्थितियों या जिम्मेदारियों के कारण वे स्कूल नहीं जा सके, लेकिन आज परीक्षा में बैठकर उनके भीतर सीखने का नया आत्मविश्वास जागा है।

15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को वर्ष 2030 तक साक्षर बनाने के लक्ष्य के लिए यह परीक्षा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इन परीक्षार्थियों को पढ़ाने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के छात्र भी गर्व महसूस कर रहे हैं। स्वयंसेवकों ने बताया कि वे कई महीनों से प्रतिदिन एक घंटे बुजुर्गों को पढ़ा रहे हैं। जोड़-घटाना भले ही इन्हें आता था, लेकिन लिखने में दिक्कतें थीं।

भारत को साक्षर बनाना हमारा लक्ष्य
छात्रों ने कहा- हम इन्हें पढ़ाते जरूर हैं, लेकिन अनुभव ये हमसे कहीं अधिक रखते हैं। बस लिखने की कमी थी, जिसे अब पूरा कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि भारत पूरी तरह साक्षर बने और इसमें हमारा छोटा- सा योगदान शामिल हो।

परीक्षार्थियों को प्रदान किया जायेगा प्रमाण पत्र
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. संजय गुहे ने बताया कि, राष्ट्रव्यापी महापरीक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में 200 से भी अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां लगभग 27 हजार परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। परीक्षा के बाद इन्हें साक्षर होने का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक अधिकारी- कर्मचारियों एवं शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है।


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