उल्लास महापरीक्षा: नक्सल पुनर्वास केंद्र के 40 आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने भी दी परीक्षा

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने भी दी परीक्षा
जगदलपुर। उल्लास परीक्षा के अंतर्गत बस्तर जिला के लगभग 36000 परीक्षार्थी महापरीक्षा में सम्मिलित हुए। जिले में 771 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। 200 घंटे की पढ़ाई पूर्ण करने वाले असाक्षर परीक्षा में सम्मिलित हुए। जिनकी 200 घंटे की पढ़ाई नहीं हुई है वो भी स्वागत परीक्षा के रूप में सम्मिलित हुए। जिले मे आदर्श महापरीक्षा केन्द्र स्थापित किये गये थे। आदर्श केन्द्र चिलकुटी, मांदलापाल एवं राजपुर, छापर भानपुरी, डिलमिली ।
केंद्रीय जेल के 40 पुरूष एवं 30 महिला बंदी उल्लास परीक्षा के अंतर्गत महापरीक्षा अभियान में सम्मिलित हुए। इस परीक्षा की महत्वपूर्ण बात यह थी कि नक्सली पुनर्वास केंद्र आड़ावाल के 40 आत्म समर्पित पूर्व नक्सलियों ने उल्लास की परीक्षा दी । संयुक्त संचालक शिक्षा एचआर सोम, जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल एवं जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को परीक्षा में शामिल होने के लिए पहल की।
बस्तर जिले के 771 परीक्षा केंद्र में 36 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए
नक्सली पुनर्वास केंद्र आड़ावाल के 40 आत्मसमर्पित माओवादियों ने साक्षर बनने के लिए रविवार को उल्लास परीक्षा दी। कई केंद्रों में सास बहू, देवरानी जेठानी और पति-पत्नी परीक्षा में शामिल हुए। 200 घंटे की पढ़ाई करने के बाद परीक्षा में शामिल हुए।
स्वयंसेवियों छात्राओं का हुआ स्वागत
चिलकुटी में जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्वयंसेवी छात्राओं को पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। जिला नोडल अधिकारी राकेश खापर्डे ने बताया कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अतंर्गत स्वयंसेवियों द्वारा असाक्षरों को साक्षर करने का कार्य किया जाता है।
पति-पत्नी, सास-बहू और देवरानी- जेठानी ने दी परीक्षा
परीक्षा केंद्र धर्माऊर विकासखण्ड लोहण्डीगुडा में पति-पत्नी हाड़ीराम एवं हेमवती कश्यप, प्राथमिक शाला कुरंदी में भी पति पत्नी ने परीक्षा महाभियान में सम्मिलित हुए। वहीं सास पेटली, बहू सन्ती परीक्षा केन्द्र मांदलापाल, देवरानी जानकी नाग, जेठानी सुबाय नाग टाकरागुडा, दिव्यांग मंगली कुरंदी भी इस महापरीक्षा अभियान में शामिल हुए।
