तुलसी विवाह 2 नवंबर को: इसी दिन जागेंगे देवता, प्रारंभ होगा शुभ कार्यों का सिलसिला

तुलसी विवाह 2 नवंबर को : इसी दिन जागेंगे देवता, प्रारंभ होगा शुभ कार्यों का सिलसिला
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तुलसी विवाह 

देवउठनी 2 नवंबर को ही मनाई जाएगी। एकादशी तिथि एक नवंबर को प्रातः 9 बजे प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन इस दिन सूर्योदय के समय दशमी तिथि व्याप्त रहेगी।

रायपुर। शहर के मंदिरों में देवउठनी 2 नवंबर को ही मनाई जाएगी। एकादशी तिथि एक नवंबर को प्रातः 9 बजे प्रारंभ हो जाएगी, लेकिन इस दिन सूर्योदय के समय दशमी तिथि व्याप्त रहेगी। देवउठनी एकादशी में सूर्योदय के समय व्याप्त तिथि ही मान्य होती है। इसके अलावा एकादशी व्रत के उस दिन किए जाने की मान्यता है, जिसमें एकादश और द्वादश तिथि का मिलन हो रहा हो। यह स्थिति 2 नवंबर को निर्मित हो रही है।

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 2 नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में देवउठनी एकादशी व्रत 2 नवंबर को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

देव दिवाली पर भी शुभ संयोग
देवउठनी के अलावा देव दिवाली पर भी शुभ संयोग निर्मित हो रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की देर रात 10 बजकर 36 मिनट से आरंभ होकर 5 नवंबर की शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार पर्व का मुख्य उत्सव 5 नवंबर को ही मनाया जाएगा। इस दिन गंगा आरती और दीपदान का शुभ समय संध्याकाल 5 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। देव दीपावली के दिन भद्रावास योग का दुर्लभ और शुभ संयोग भी बन रहा है। यह योग सुबह 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

एक को दशमी तिथि
महामाया मंदिर के पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि, नवंबर की पहली तारीख पर सूर्योदय के समय दशमी तिथि व्याप्त रहेगी। सूर्योदय व्याप्त एकादशी तिथि 2 नवंबर को है। तुलसी विवाह और व्रत इसी दिन होगा।

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