बाघ-बाघिन-तेंदुए की मौत: दो के शिकार की आशंका, नाखून-दांत गायब

डीएफओ कार्यालय, सूरजपुर
बिलासपुर /अंबिकापुर /खैरागढ़। सूरजपुर वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र घुई के रेवटी जंगल में बाघ का शव मिलने से वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मृत बाघ के शरीर पर चोट के गंभीर निशान मिलने एवं दांत व नाखून गायब होने के कारण प्रथम दृष्टया उसका शिकार करने की आशंका। जताई जा रही है। वन परिक्षेत्र घुई के भैसामुण्डा सर्किल अंतर्गत रेवटी जंगल में गए ग्रामीण अचानक मृत बाघ का शव देख सन्न रह गए। ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को रह गए। ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को मामले की सूचना दी।
सूचना मिलते ही रेंजर से लेकर मुख्य वन संरक्षक तक के अधिकारी पशुचिकित्सकों के साथ घटनास्थल पहुंचे एवं स्थितियों का जायजा लिया। मृत बाघ का शव फूल गया है तथा शव में सड़न भी शुरू हो गई है। स्थिति को देखते हुए बाघ की मौत 3-4 दिन पहले होने की संभावना जताई जा रही है। बाघ के शरीर में चोट के गहरे निशान मिले है तथा बाघ के दांत व नाखून गायब हैं। पास में एक धारदार हथियार भी मिला है जिसका उपयोग बाघ का नाखून व दांत निकालने के लिए उपयोग करने की आशंका जताई जा रही है। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अधिकारी प्रथम दृष्टया बाघ का शिकार करने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। बाघ के शिकार को देखते हुए अधिकारियों ने गुरु घासीदास अभयारण्य। एवं कानन पेंडारी से स्नीफर डॉग व विशेषज्ञों को बुलाया है ताकि इस संबंध में आवश्यक साक्ष्य जुटाया जा सके।
सूरजपुर में बाघ की मौत होने पर डीएफओ डीपी. साहू ने कहा कि, बाघ का शव जंगल में पाया गया है। इसके लिए वन विभाग के द्वारा डॉग स्क्वाड की भी मदद ली जा रही है। मेरी और अन्य सीनियर अधिकारियों की निगरानी में बाघ का पोस्टमार्टम किया जाएगा। उसके बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा। pic.twitter.com/c4NHa0jZwn
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 15, 2025
उम्रदराज बाघिन रागिनी की मौत
बिलासपुर जिले के कानन पेण्डारी जू में पिछले कई सालों से बीमार उम्रदराज बाधिन रागिनी ने आखिरकार दम तोड़ दिया। बीमार रागिनी का डॉक्टर उपचार कर रहे थे, जो बीमारी की हालत में भी दूसरी टाइवोस से ज्यादा फुर्तीली थी। डॉक्टरों ने रागिनी की मौत का कारण उस पूरी होना बताया है। अचानकमार टाइगर रिजर्व बायोस्फियर में शामिल कानन पेण्डारी जू में बाधिन रागिनी को 11 अगस्त 2018 को नंदन वन जंगल सफारी रायपुर से कानन पेण्डारी जूलॉजिकल गार्डन में लाया गया था। बाधिन को जिस समय रायपुर से बिलासपुर में लाया गया था, उस समय से रागिनी बीमारी से ग्रसित थी। बाधिन रागिनी का उपचार कानन पेण्डारी जू के डॉक्टर पीके चंदन की निगरानी में किया जा रहा था। कुछ दिनों तक रागिनी को सैलानियों के लिए डिस्प्ले में रखने के बाद रेस्क्यू सेंटर के पीछे एक केज में छोड़ दिया गया। यहां डॉक्टर रागिनी का प्रतिदिन उपचार कर रहे थे। डॉक्टरों के अनुसार किसी भी टाइगर की उम्र सीमा करीब 16 से 17 वर्ष के करीब होती है, लेकिन बाघिन रागिनी ने 18 वर्ष की उम्र पार कर ली थी।
तेंदुए के पंजे, नाखून और दांत काटकर ले गए शिकारी
खैरागढ़। खैरागढ़-डोंगरगढ़ के बीच स्थित वन ग्राम बनबोड़ क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक वयस्क तेंदुए की निर्मम हत्या कर दी गई। शिकारियों ने तेंदुए के पंजे, नाखून और जबड़े के दांत काटकर ले गए। जिससे यह मामला सीधे तौर पर संगठित अवैध शिकार की ओर इशारा करता है। जानकारी के अनुसार खैरागढ़ वनमंडल के कोपेनवागांव-मुढ़ीपार क्षेत्र में सोमवार सुबह तेंदुए का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। जंगल से कुछ दूरी पर राजस्व भूमि में पड़े शव ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। ग्रामीणों द्वारा सोमवार सुबह तेंदुए को मृत अवस्था में देखे जाने के बाद तत्काल वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही विभागीय अमला मौके पर पहुंचा और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
संदिग्धों से पूछताछ जारी
इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं घटनास्थल को सुरक्षा बलों के साथ सील कर दिया गया है। गंभीरता को देखते हुए डॉग स्क्वायड को भी जांच में शामिल किया गया है और आसपास के गांवों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वन विभाग द्वारा वन्यजीव संरक्षण नियमों के तहत तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
होगी कार्रवाई
रेंजर आरके टंडन ने बताया कि, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है और यदि अवैध शिकार या आपराधिक गतिविधि की पुष्टि होती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
