तकनीक से खोजा समाधान: मरीज की हालत बिगड़ी तो एआई सिस्टम तुरंत भेजेगा अलर्ट कॉल

तकनीक से खोजा समाधान : मरीज की हालत बिगड़ी तो एआई सिस्टम तुरंत भेजेगा अलर्ट कॉल
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एनआईटी रायपुर और रूंगटा भिलाई के छात्रों ने नई उपलब्धि हासिल की है। एआई टूल्स की मदद से एप तैयार किया गया है।

रायपुर। बदलते वक्त के साथ अब स्वास्थ्य क्षेत्र में तकनीकी नवाचार तेजी से बढ़ रहे हैं। इन सफल प्रयोगों से मरीजों का इलाज और भी आसान होता जा रहा है। अब डॉक्टरों को मरीजों की दिनचर्या या परिस्थितियों का आकलन करने के लिए दूसरे शहर जाने की जरूरत नहीं होगी, वे अपने मोबाइल में मौजूद जानकारी के आधार पर मरीजों का इलाज कर सकेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की से एनआईटी रायपुर और रूंगटा भिलाई के छात्रों ने नई उपलब्धि हासिल की है।

दो दिनों के भीतर छात्रों ने शानदार प्रयास करते हुए ऐसी तकनीक विकसित की है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सरल और सुलभबनाएगी। उनका यह नवाचार डॉक्टरों और मरीजों के बीच दूरी घटाने की दिशा में बड़ी पहल माना जा रहा है। नवाचार के क्षेत्र में एनआईटी के छात्रों ने नया मुकाम हासिल किया है, जहां एआई की मदद से कई इनोवेटिव आइडियाज प्लान तैयार किए। संस्थान द्वारा संचालित प्रतियोगिता में छात्रों को स्वास्थ्य, वित्तीय, कृषि जैसे कई क्षेत्रों में एआई की मदद से एप्लिकेशन तैयार करने की चुनौती दी गई, ऐसे में इंजीनियरिंग के छात्रों ने वर्तमान समय के कठिन काम को सरल बनाने का प्रयास किया है।

48 घंटों में तैयार हुआ त्वचा रोग पहचान का एआई एप
एनआईटी के छात्रों ने मात्र 48 घंटों में ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया है, जो शरीर के अंदर छिपी बीमारियों की पहचान कर सकता है। यह तकनीक खासतौर पर त्वचा रोग (डर्मेटोलॉजी) से संबंधित बीमारियों को पहचानने में मदद करेगी। मेटलर्जी और मटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र अब्दुल्ला शेष, राजिउल्लाह अंसारी, कंप्यूटर साइंस विभाग से खुशबू जैन और इंदेश वर्मा ने इसे मिलकर तैयार किया। उन्होंने बताया कि यह प्रोग्राम 85 से 95 प्रतिशत तक सटीक परिणाम दे सकता है। मोबाइल एप्लिकेशन में मरीजों का हेल्थ इम्प्रूवमेंट, दवाईयों का सूची और शरीर में फैली बीमारियों की इमेज होगी, इससे समय के साथ-साथ दवाई का असर और सुधार देखा जा सकता है।

इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम से अकाउंट संभालने का काम आसान
एनआईटी के कंप्यूटर साइंस और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग के छात्रों ने एआई की मदद से इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया। इससे छोटी से बड़ी कंपनियों तक में होने वाले दैनिक खर्च, पूंजी, पेमेंट और उधार जैसे वित्तीय कार्यों को केवल कुछ मिनटों में मैनेज करना संभव हो जाएगा। छात्र सुजर अहर, शिवांक बरनवार, अभिनव मिश्रा और ऐश्वर्या गुप्ता ने मिलकर यह तैयार किया है। पहले सीए को बड़ी कंपनियों के खर्च का हिसाब लगाने और बैलेंसशीट तैयार करने के लिए लंबा समय देना पड़ता था। अब इस सिस्टम की मदद से बिल को ई-मेल आईडी से जोड़कर दैनिक और पुराने खर्च का विवरण तुरंत निकाला जा सकता है। ऐसे में जीएसटी से जुड़े दस्तावेजों का रखरखाव और मेंटेनेंस भी अब मिनटों में संभव हो जाएगा।

एआई पॉवर ब्लडप्रेशर मैनेजमेंट सिस्टम
रूंगटा कॉलेज मिलाई के कंप्यूटर साइंस विभाग के छात्रों ने एआई पॉवर ब्लड प्रेशर मैनेजमेंट सिस्टम बनाया, जिसका उद्देश्य डॉक्टर और मरीजों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है। इस सिस्टम से चिकित्सकों को मरीजों का ब्लडप्रेशर, पल्स और दवाईयों की पूरी जानकारी तुरंत मिल सकेगी। छात्र सार्थक श्रीवास्तव, अनीतू सागर और हार्दिक पवार ने बताया कि यह एप्लिकेशन मरीजों की स्थिति का पता लगाकर उन्हें सही सलाह और उपचार संबंधी निर्देश भी देता है। अगर मरीज की तबीयत अचानक बिगड़े तो यह सिस्टम उनके इमरजेंसी कॉन्टेक्ट को तुरंत अलर्ट कॉल भेज सकता है। साथ ही एप्लिकेशन में मरीज की मेडिकल हिस्ट्री को भी देखा जा सकता है। इसमें एआई एजेंट भी है, जो मरीजों की बात सुनकर उन्हें समय पर दवाई लेने और स्वास्थ्य संबंधी जरूरी निर्देश देने में मदद करता है।

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