भ्रष्टाचार की खुली पोल: दो माह में ही धंसने लगी पुल पर बनी सड़क, पीचिंग भी सीमेंट की जगह मिट्टी से

नवनिर्मित पुल पर बनी सड़क की स्थिति
संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है। बोदा और जोंकपानी के बीच टमरु नदी पर पुल निर्माण को दो माह भी नहीं हुआ है और पुल पर बनी सड़क धंसने लगी है। ऐसे में निर्माण कार्य करने वाला ठेकेदार और इसकी मॉनिटरिंग करने वाले इंजीयिनर की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, क्षेत्रवासियों के बहुप्रतीक्षित मांग बोदा और जोंकपानी के बीच टमरु नदी पर पुल निर्माण की थी। ठेकेदार की लापरवाही के चलते सड़क और पुल निर्माण कार्य को दो माह भी नहीं हुआ है और पुल की सड़क धंसने लगी है। बोदा से जोकपानी मार्ग पर टमरु नदी में पुल निर्माण हुआ है। इसका काम छत्तीसगढ़ रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लगभग 6 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत पूर्ण किया है।
कवर्धा जिले में टमरु नदी पर बने पुल की सड़क निर्माण के कुछ माह बाद ही धसने लगाई है। ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की है. @KabirdhamDist #Chhattisgarh #RoadSafety #Corruption pic.twitter.com/4E9qqPU06G
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 2, 2025
इसी साल हुआ था उद्घाटन
इस पुल का उद्घाटन इसी साल किया गया था लेकिन करोड़ों की लागत से बने इस पुल की सड़क धंसने लगी है। पुल जैसे ही पूर्ण होता है सड़क के एक ओर सड़क धंसी हुई दिखाई दे रही है। आश्चर्य की बात है कि, इस मार्ग में किसी भी प्रकार से भारी वाहनों का आवागमन नहीं होता है इसके बावजूद सड़क धंस गई है।
विभाग लीपा- पोती के लिए कर दी मरम्मत
मामले की भनक लगते ही विभाग ने लीपा- पोती के लिए मरम्मत कर दिया लेकिन इसमें में गुडवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है मतलब ऐसा लग रहा है। जिम्मेदारों ने सड़क की मजबूती केवल बीच में दी है और किनारों पर कांटामारी कर दी है। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़ा किया है। साथ ही पुल निर्माण की जांच कर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है।

सीमेंट की जगह मिट्टी डालकर किया गया पीचिंग
इस कार्य में ठेकेदार ने लापरवाही बरती है,पुल से सटे सड़क के किनारे पत्थर की पीचिंग भी धंसने लगा है। सीमेंट की जगह मिट्टी डालकर पीचिंग किया गया है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सड़क का कुछ माह में ही धंसना सरकारी कार्यशैली और निर्माण एजेंसी की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। इधर कलेक्टर ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
