बांग्लादेशी होने का शक: पुलिस ने रायपुर से 1000 को उठाया, जांच में 100 को संदिग्ध माना

बांग्लादेशी होने का शक : पुलिस ने रायपुर से 1000 को उठाया, जांच में 100 को संदिग्ध माना
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संदिग्ध बांग्लादेशियों की पतासाजी करने जून के बाद पुलिस ने ऑपरेशन समाधान के तहत एक बार पुनः जांच अभियान तेज किया है।

रायपुर। संदिग्ध बांग्लादेशियों की पतासाजी करने जून के बाद पुलिस ने ऑपरेशन समाधान के तहत एक बार पुनः जांच अभियान तेज किया है। इसी कड़ी में रायपुर पुलिस राजधानी सहित जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में मंगलवार तड़के 4 बजे करीब एक हजार संदिग्धों को उनके घरों में दबिश देकर, सोते हुए उठाकर पुलिस लाइन लेकर पहुंची और उनके दस्तावेजों की जांच की। संदिग्धों को उठाए जाने के लेकर पुलिस के अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

बताया जा रहा है कि, जिले से कुछ लोग उमराह करने मक्का-मदीना गए थे। उन्होंने अपने परिजनों से इंटरनेशन मैसेजिंग एप आईएमओ से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से संपर्क कर मैसेज किया था। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ पुलिस को उन नंबरों की तसदीक करने के लिए कहा था। इसके बाद राजधानी पुलिस करीब एक हजार लोगों को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ करने पुलिस लाइन ले आई।

सौ के करीब संदिग्ध मिलने का दावा
पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संदिग्धों की पहचान के लिए जिन लोगों को पुलिस लाइन लाया गया था। उनमें से सौ के करीब पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश सीमा से सटे जिले के हैं। उनके द्वारा पेश किए गए आधारकार्ड तथा दस्तावेजों में कई विषमताएं मिली हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों की तसदीक के बाद वैधानिक कार्रवाई करने का दावा किया है।

उठाए जाने का एक कारण यह भी
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर पूरे देश में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर मतदाता सूची में गड़बड़ी होने की बात सामने आई है। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर पुलिस संदिग्धों की पहचान करने सभी लोगों को पुलिस लाइन लेकर पहुंची थी। इस संबंध में अफसर किसी भी प्रकार की जानकारी देने से बच रहे हैं।

पूर्व में भी मिल चुके हैं बांग्लादेशी टिकरापारा थाना क्षेत्र के
संजय नगर में जून में पुलिस ने यहां अवैध रूप से रह रहे 10 बांग्लादेशियों को पकड़ा था। इसके अलावा मुंबई तथा रायपुर एटीएस ने टिकरापारा थाना क्षेत्र से ही तीन सगे भाइयों को फर्जी पासपोर्ट के माध्यम से इराक भागने की कोशिश करते गिरफ्तार किया था।

बुजुर्ग से लेकर नौकरीपेशा तक से पूछताछ
पुलिस जिन लोगों को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ करने पुलिस लाइन लेकर आई थी, उनमें 70 साल के बुजुर्ग से लेकर नौकरीपेशा तक शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस एक कांग्रेसी नेता के भाई को भी पूछताछ करने के नाम पर अपने साथ उठाकर ले आई थी।

समझ नहीं आया उठाने का कारण
पूछताछ करने के नाम पर पुलिस कड़ाके की ठंड में जिन लोगों को पूछताछ करने पुलिस लाइन लेकर पहुंची, उनको भी अपने उठाए जाने का कारणों का पता नहीं था। लोग पुलिस अफसरों से पूछते रहे. लेकिन अफसर भी उन लोगों को कारण नहीं बता रहे थे। इसके लिए लोग परेशान होते रहे।

सड़क पर बांग्लादेश के झंडे मिले
राजधानी रायपुर में एक ओर जहां मंगलवार को रायपुर पुलिस ने रोहिंग्या बांग्लादेशी की घुसपैठ की आशंका पर सरप्राइज जांच अभियान चलाकर कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, वहीं दूसरी ओर शहर के पुराना फायर ब्रिगेड चौक के पास मुख्य सड़क पर कई जगह पर बांग्लादेश के झंडे मिले. जिसे लेकर कुछ घंटे के लिए पुलिस महकमे में हड़कंप भी मचा रहा, लेकिन जब पड़ताल की, तो पता चला कि ये वही झंडे है, जिसका विरोध करते हुए हिंदू संगठनों ने सोमवार को शहर जयस्तंभ चौक से लेकर अन्य कई जगहों पर प्रदर्शन किया था।

पुलिस ने कहा-प्रदर्शनकारियों ने फेंके
पुलिस का कहना है कि, प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करने के बाद इन झंडों को सड़क पर फेंक दिया होगा। पुराना फायर ब्रिगेड चौक के पास मुख्य सड़क पर आज कई जगहों पर बांग्लादेश के कागज वाले झंडे मिले। इनमें से कई झंडे सड़क पर चिपके हुए थे। इसे देखकर लग रहा था कि मानो किसी ने इन झंडों को सड़क पर चस्पा किया हो। इस सड़क से गुजरने वाले लोगों की दिनभर इन झंडों पर ही नजरें रहीं, लेकिन इसके बाद भी इन झंडों को सड़क से हटाने के लिए पुलिस ने कोई पहल नहीं की, जबकि इसकी सूचना पुलिस को दोपहर 12 बजे ही मिल गई थी। इन झंडों की सूचना के बाद पुलिस महकमे में कुछ घंटे तक हड़कंप भी मचा रहा, लेकिन जब पड़ताल की, तो इन झंडों की हकीकत कुछ और निकलकर सामने आई। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में कथित ईशनिंदा के झूठे आरोप के बाद एक हिंदू युवक की हत्या की घटना को लेकर रायपुर में जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। इस घटना के विरोध में जयस्तंभचौक सहित अन्य जगहों पर हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध में उनके देश का झंडा तथा तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया था।

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