सूर्य किरण से प्रभावित होंगी नियमित उड़ानें: दो दिन अभ्यास और 5 नवंबर को हो रहा शो, बदलेगी टाइमिंग

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रायपुर। राजधानी रायपुर से उड़ान भरने वाले यात्रियों को 2 से 5 नवंबर तक नए समय पर यात्रा करनी पड़ सकती है। हालांकि पूरे दिन की फ्लाइट रिशेड्यूल होने के स्थान पर केवल प्रातः 10 से 12 बजे तक की फ्लाइट का समय बदला जाएगा। ऐसा सूर्यकिरण एयरोबैटिक शो के कारण किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार शो से पहले पूर्वाभ्यास के लिए टाइमिंग बदली जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्योत्सव के अवसर पर सूर्यकिरण एयरोबैटिक शो का आयोजन किया जा रहा है। 1 से 5 नवंबर तक राज्योत्सव है। एयरोबैटिक शो 5 नवंबर को होगा। इसके पूर्व 3 व 4 नवंबर को टीम पूर्वाभ्यास करेगी।
सूत्रों के अनुसार, पूर्वाभ्यास के एक दिन पहले ही व्यवस्था निर्माण के लिए फ्लाइट रिशेड्यूल किए जाने की तैयारी है। रायपुर एयरपोर्ट पर ये सूर्यकिरण एयरोबैटिक शो संबंधित आयोजन होंगे। ये शो सुबह 10 से 12 बजे के मध्य होंगे। ऐसे में इन चार दिनों में नियमित विमानों के लिए एयरपोर्ट सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक बंद किए जाने की तैयारी है। इस दौरान चार रेगुलर फ्लाइट्स आती हैं। ये फ्लाइट्स या तो सुबह 10 बजे से पहले आएंगी-जाएंगी या फिर दोपहर 12 बजे के बाद। एक संभावना यह भी है कि जिस समय नियमित उड़ानें कम होती है, पूर्वाभ्यास का समय वहीं तय हो।
उड़ेंगे एक साथ 11 विमान
रायपुर एयरपोर्ट से इन पाँच दिनों में सुबह 10 बजे से सूर्यकिरण एयरोबैटिक शो के लिए एयरफोर्स के 11 विमान एक साथ उड़ेंगे और दो घंटे बाद लैंड करेंगे। इन विमानों के साथ सेना के दो हेलीकॉप्टर भी होंगे। एयर शो नवा रायपुर में ही होगा, इसलिए रूटीन फ्लाइट्स इस दौरान इस हवाई क्षेत्र में नहीं लाई जाएंगी। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान कोई भी फ्लाइट कैंसिल नहीं होगी। रि-शेड्यूल फ्लाइट का नवीन समय भी जल्द ही साझा कर दिया जाएगा।
शेड्यूल अभी नहीं आया
एयरपोर्ट डायरेक्टर केके लहरे का कहना है कि अभी डीजीसीए से टाइमिंग को लेकर गाइडलाइन नहीं आई है। हमारी तैयारी रहती ही है। यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
पंखों के मध्य दूरी पांच मीटर से भी कम
भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम यहां अपने रोमांचकारी करतब दिखाएगी। से छत्तीसगढ़ और देशवासियों को गर्व, उत्साह और देशभक्ति की भावना से भर देगी। यह शो रजत जयंती समारोह का सबसे विशेष आकर्षण होगा। सूर्यकिरण टीम 'बॉम्ब बर्स्ट', 'हार्ट-इन-द-स्काई और 'एरोहेड' जैसी प्रसिद्ध फॉर्मेशन्स पेश करेगी। गौरतलब है कि 1996 में गठित सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम भारतीय वायुसेना की सटीकता, साहस और तकनीकी दक्षता का प्रतीक है। अपने गठन के बाद से इस टीम ने भारत की हवाई क्षमता और अनुशासन का भव्य प्रदर्शन देश-विदेश के अनेक मंचों पर किया है। सूर्यकिरण टीम एशिया की एकमात्र नौ विमान की एरोबैटिक डिस्प्ले टीम है, जो भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता, अनुशासन और समन्वय की मिसाल मानी जाती है। इनके विमानों की उड़ानें इतनी सटीक होती हैं कि कभी-कभी पंखों के बीच की दूरी पांच मीटर से भी कम रह जाती है।
