सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज की बिगड़ी तबियत: रायपुर से अंबिकापुर लौटते ही पेट में उठा दर्द, अस्पताल में भर्ती

अस्पताल में इलाज के दौरान
संतोष कश्यप- अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सांसद चिंतामणि महारज की तबियत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार, सांसद महाराज सोमवार देर रात रायपुर से अंबिकापुर लौटे थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री और राजयपाल से महत्वपूर्ण मुलाक़ात की थी। घर लौटने के कुछ ही घंटों बाद उनकी तबियत में अचानक गिरावट आई।
बताया जा रहा है कि, उन्हें पेट संबंधी तकलीफ हुई, जिसके चलते परिजनों और सहयोगियों ने उन्हें सुबह करीब 3 बजे तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वर्तमान में चिकित्सकों की टीम उनकी निगरानी में उपचार कर रही है। फिलहाल, चिंतमणि महाराज की हालत स्थिर बनी हुई है।
71 नक्सलियों के सरेंडर पर सीएम साय ने जताई खुशी
वहीं दंतेवाड़ा जिले के 71 नक्सलियों ने बुधवार को सरेंडर किया। इस पर सीएम सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर ख़ुशी जताई है। इस दौरान सीएम साय ने सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजना 'पूना मारगेम' और 'लोन वर्राटू अभियान' का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा-राज्य सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने दंतेवाड़ा सहित पूरे बस्तर अंचल में नया विश्वास जगाया है।
बोले- हमारी नीतियों की प्रभावशीलता के कारण शांति की राह चुन रहे हैं नक्सली
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, छँट रहा है नक्सलवाद का अंधियारा, बदल रहा है दंतेवाड़ा। हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने दंतेवाड़ा सहित बस्तर अंचल में नया विश्वास जगाया है। माओवादी हिंसा के झूठे नारों से भटके लोग अब विकास और शांति की राह चुन रहे हैं।
आत्मसमर्पण हमारी नीतियों की प्रभावशीलता का प्रमाण
बस्तर संभाग में चलाए जा रहे पूना मारगेम अभियान और दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर हाल ही में 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 30 नक्सलियों पर 50 हजार से 8 लाख रुपये तक का कुल 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि, इतनी बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण हमारी नीतियों की प्रभावशीलता और जन-विश्वास का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
आवश्यक सुविधाएं कराई जाएगी उपलब्ध - सीएम साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन की शुरुआत के लिए 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए हैं। साथ ही उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और भरोसेमंद वातावरण के कारण अब तक 1770 से अधिक माओवादी मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। डबल इंजन की सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा और आत्मसमर्पित साथियों को सम्मानजनक पुनर्वास एवं बेहतर जीवन उपलब्ध कराया जाएगा।
