खतरे में है सरगुजा की हरियाली: लकड़ी तस्करों की अफसरों और सियासी लोगों से सांठ- गांठ, थाने से गायब हो गए पकड़े गए दो वाहन

कटा हुआ पेड़
आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में लकड़ी तस्करों के आगे प्रशासन कठपुतली बन कर रह गया है। केंद्रीय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक पेड़ मां के नाम अभियान पर छत्तीसगढ़ के नेता फोटो खिंचाकर वाहवाही तो लूट रहे हैं, लेकिन अधिकारी- कर्मचारी लकड़ी तस्करों से सांठ- गांठ कर अभियान को पलीता लगाते हुए हजारों पेड़ों की बलि चढ़ा चुके हैं। इसके चलते सरगुजा की हरियाली खतरे में है।
सरगुजा अंचल में लकड़ी माफियाओं की पहुंच किस हद तक है, इसका ताज़ा उदाहरण बतौली में सामने आया है। जहां नायब तहसीलदार की कार्रवाई में बेलकोटा से दो वाहन जब्त कर बतौली थाने तक पहुंचाए गए थे। इनमें से एक ट्रक क्रमांक यूपी 51 ए टी 4464में भारी मात्रा में लकड़ी भरी हुई थी, जबकि दूसरा ट्रक क्रमांक सीजी 04 क्यू बी 5194 खाली था। लेकिन देर रात तक दोनों ट्रक रहस्यमयी ढंग से थाने से गायब हो गए।
सरगुजा जिले का बतौली क्षेत्र लकड़ी तस्करों का स्वर्ग बन गया है। यहां कोई अफसर यदि वानों को पकड़ भी ले तो थाने से वाहन गायब हो जाते हैं...@SurgujaDist #Chhattisgarh pic.twitter.com/ljjKecGpIU
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 27, 2025
थाने में खड़े वाहन कहां गायब हुए
स्थानीय लोगों और ग्रामीणों का कहना है कि, यह घटना कोई साधारण चूक नहीं, बल्कि प्रशासन और माफियाओं की मिलीभगत का जीता-जागता उदाहरण है। सवाल यह उठता है कि, आखिर थाने की हिफाज़त में खड़े जब्त वाहन अचानक कहां गायब हो गए? क्या माफियाओं की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि पुलिस-प्रशासन भी उनके आगे नतमस्तक हो चुका है, या फिर मामला कमीशनखोरी और सेटिंग-गेटिंग का है?
सियासी मिलीभगत की आशंका
इस पूरे प्रकरण पर थाना, राजस्व विभाग और वन विभाग के अधिकारी भी खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। कोई भी अधिकारी स्पष्ट जानकारी देने से बच रहा है, जिससे संदेह और गहराता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस तस्करी के पीछे किसी बड़े राजनीतिक चेहरे का हाथ हो सकता है, जिसके दबाव में अधिकारी कार्रवाई करने से डर रहे हैं। हालांकि इसका प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है।
यूपी के तस्करों का अड्डा बन चुका है बतौली
बतौली क्षेत्र में लगातार राजस्व भूमि में स्थित पेड़ो को खरीदने उत्तरप्रदेश के तस्कर क्षेत्र में सक्रिय है। हाइड्रा, पंजा ट्रैक्टर, और सैकड़ों की संख्या में उत्तरप्रदेश के मजदूर पूरे क्षेत्र में कब्जा जमा बैठे है। वे नीलगिरी पेड़ो की कटाई कर यूपी भेजकर हरियाली को खत्म करने में लगे हुए हैं। हर रोज लकड़ी से भरे ट्रक यूपी भेजे जा रहे हैं, बिना अधिकारियों की संलिप्तता से ऐसी तस्करी सम्भव नहीं है। तस्करी का यह आलम है कि, सरगुजा बार्डर में भी सेटिंग कर ट्रक पार करवाए जा रहे हैं, जिससे तस्करों के हौसले दिनोदिन बुलंद होते जा रहे हैं।
