एक बच्चे के दो दावेदार: जिला अस्पताल में भिड़े दो परिवार, कैसे दूर हुआ भ्रम, पढ़िए

जिला अस्पताल में भिड़े दो परिवार
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सूरजपुर जिला चिकित्सालय
सूरजपुर जिला अस्पताल में दो परिवारों के बीच दस दिन के बच्चे को लेकर मचा हंगामा, “बच्चा मेरा है–नहीं मेरा है” को लेकर बनी अफरा-तफरी।

नौशाद अहमद - सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला अस्पताल में मंगलवार को बच्चे को लेकर कुछ देर तक हंगामा और अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। मामला उस समय गरमा गया जब दो परिजनों के बीच "बच्चा मेरा है, नहीं मेरा है" को लेकर विवाद की स्थिति बन गई।

दरअसल, दस दिन पहले जिला अस्पताल में दो महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया था। मंगलवार को जब एक दंपति अपने नवजात बच्चे को लेकर घर जा रहा था, तभी दूसरी महिला की मां ने उसे अपना बच्चा समझ लिया और उस पर झपट पड़ी। उसने बच्चे को छीने की कोशिश की और अस्पताल परिसर में जोर-जोर से हल्ला करने लगी, जिससे आसपास भारी भीड़ जुट गई।


हुआ गलती का एहसास
हालांकि, कुछ देर बाद जब महिला के पति ने उसका असली बच्चा लाकर दिखाया, तब जाकर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। तब तक अस्पताल स्टाफ और पुलिस सहायता केंद्र के कर्मियों को स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। फिलहाल, पुलिस सहायता केंद्र के स्टाफ की सूझबूझ से दोनों परिवारों के बीच का भ्रम दूर कराया गया और मामला शांत कराया गया है ।

वह मेरे हाथ से बच्चा छीनने लगी
बच्चे के पिता 'अनिल कुमार' ने बताया कि, जब वह अपने रोते हुए बच्चे को चुप कराने गेट के पास लेकर आया तभी महिला ने अचानक उसके हाथ से बच्चा छीनने की कोशिश करते हुए कहने लगी की वह बच्चा उसका है।

पुलिस को करनी पड़ी हस्तक्षेप
वहीं पुलिस सहायता केंद्र, जिला अस्पताल प्रभारी मंजू सिंह का कहना है कि, “अस्पताल में दो बच्चों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी। पुलिस स्टाफ ने तुरंत हस्तक्षेप कर दोनों परिवारों के बीच गलतफहमी को दूर किया। फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”

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