आत्मसमर्पित नक्सलियों के जीवन में आई नई रोशनी: जिला प्रशासन ने 105 पुनर्वासित युवाओं के बनाए जॉब कार्ड

आत्मसमर्पित नक्सलियों के जीवन में आई नई रोशनी: जिला प्रशासन ने 105 पुनर्वासित युवाओं के बनाए जॉब कार्ड
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पुनर्वासित युवाओं के बनाए जॉब कार्ड

सुकमा जिले में मुख्यधारा से जुड़कर शांति का मार्ग अपनाने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास को गति देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है।

लीलाधर राठी - सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मुख्यधारा से जुड़कर शांति का मार्ग अपनाने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास गति देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देश और जिला पंचायत सीईओ मुकुन्द ठाकुर के मार्गदर्शन में पुनर्वास केंद्र में विशेष शिविर आयोजित कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभों से उन्हें जोड़ा गया।

मनरेगा कार्ड धारक परिवारों को उनके ही गांव में 100 दिनों का वैधानिक रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, साथ ही 261 रुपए दैनिक मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाता है। शिविर के दौरान सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों ने योजना का लाभ लेने और जॉब कार्ड बनवाने के लिए सहमति व्यक्त की। प्रशासन की पारदर्शी और प्रोत्साहनात्मक प्रक्रिया के फलस्वरूप 62 पुरुष और 43 महिला, कुल 105 आत्मसमर्पित नक्सलियों के जॉब कार्ड बनाकर वितरण किए गए।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हितग्राहीमुखी कार्यों की दी जानकारी
इसके अतिरिक्त आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देते हुए आजीविका डबरी निर्माण, बकरी शेड, मुर्गी शेड, सूअर शेड जैसे हितग्राहीमुखी कार्यों की प्रक्रियाओं और लाभों की भी जानकारी दी गई, जिससे आत्मसमर्पित युवक और महिलाएँ भविष्य में स्थायी आय के साधन विकसित कर सकें। शिविर के दौरान पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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