दिखने लगा सकारात्मक बदलाव: सुकमा कलेक्ट्रेट पहुंचे चिंतलनार के ग्रामीण, बताईं समस्याएं, कई मांगें तुरंत मंजूर

चिंतलनार के ग्रामीण पहुँचे कलेक्टोरेट
लीलाधर राठी - सुकमा। जिले में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से उत्पन्न सकारात्मक बदलाव अब जमीन पर दिखाई देने लगे हैं। घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण पहली बार जिला मुख्यालय पहुँचकर खुलकर अपनी समस्याएँ रख रहे हैं। मुख्यालय में इन दिनों मेले जैसा माहौल देखने को मिल रहा है जहां ग्रामीण अपनी मांगों को ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन के सामने रख रहे हैं।
चिंतलनार के ग्रामीण पहुंचे कलेक्टोरेट
सुकमा जिला मुख्यालय में आज चिंतलनार ग्राम पंचायत के रेवाली पारा और कोननगुड़ा के लगभग एक दर्जन ग्रामीण पहुंचे। ग्रामीणों ने 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर देवेश ध्रुव को सौंपा और इस दौरान सांसद प्रतिनिधि अरुण सिंह भदौरिया और लीलाधर राठी भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से वे नक्सलवाद का दंश झेलते आ रहे हैं, लेकिन चल रहे नक्सल मुक्त अभियान के कारण अब क्षेत्र में शांति और विकास की उम्मीद जगी है।
बिजली, सड़क और बांध की बड़ी मांग
ग्रामीणों ने बताया कि रेवाली पारा और कोननगुड़ा में आजादी के समय से अब तक बिजली नहीं पहुँची है, जिससे लगभग 100 परिवारों का जीवन अंधेरे में बीत रहा है। उन्होंने रेवाली पारा से कोननगुड़ा तक 1 किमी सड़क मार्ग की तत्काल आवश्यकता जताई और चिंतलनार–जगरगुंडा मुख्य मार्ग से रेवाली पारा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क स्वीकृति की मांग भी रखी। इसके साथ ही उन्होंने मलेवांग नदी पर स्टॉप डैम निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ग्रामवासियों को आवागमन व सिंचाई में राहत मिल सके।
हैंडपंप और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी मांगा
ग्रामीणों ने पानी की गंभीर समस्या बताते हुए रेवाली पारा में 2 हैंडपंप, लखापाल चौक में 1 हैंडपंप और कोननगुड़ा में 2 हैंडपंप की स्वीकृति देने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने गरीब तथा विस्थापित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग भी ज्ञापन में शामिल की।
कलेक्टर देवेश ध्रुव हुए भावुक, ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था
लगभग 100 किलोमीटर दूर से आई इस टोली की बातें सुनकर कलेक्टर देवेश ध्रुव भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है कि ग्रामीण अब निर्भीक होकर मुख्यालय पहुँच रहे हैं और अपनी समस्याएं रख रहे हैं। कलेक्टर ने ग्रामीणों का हालचाल पूछा और उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी कराई।
नक्सल प्रभावित इलाकों में बढ़ रहा विश्वास
प्रदेश और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों, सुरक्षा बलों की सक्रियता और प्रशासनिक पहुंच बढ़ने के कारण अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास और विकास की नई राहें बन रही हैं। ग्रामीणों का जिला मुख्यालय आकर प्रशासन पर भरोसा दिखाना इस परिवर्तन का बड़ा संकेत है।
