अबूझमाड़ के विकास को मिलेगी नई रफ्तार: गढ़बेंगाल–धौडाई छोटेडोंगर तक सड़क निर्माण के लिए मिली करोड़ों की स्वीकृति

जर्जर सड़क की तस्वीर
लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ सरकार ने नारायणपुर जिले के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा करते हुए गढ़बेंगाल-धौडाई छोटेडोंगर मार्ग (किमी 32.60) के मजबूतीकरण और पुनर्निर्माण हेतु 105.22 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। यह सड़क अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र को मुख्य मार्ग से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगी।
इस ऐतिहासिक फैसले पर राज्य के वन, परिवहन और सहकारिता मंत्री व नारायणपुर विधायक केदार कश्यप ने कहा कि, यह केवल सड़क नहीं, वर्षों की जनभावनाओं और संघर्ष की भी जीत है। विपक्ष में रहते हमने कई बार आंदोलन किए, प्रदर्शन किए और आज यह स्वीकृति पूरे क्षेत्रवासियों के संघर्ष को न्याय देती है।
प्रशासनिक सेवाएं और रोज़गार के अवसरों तक पहुंच अब सहज हो सकेगी- कश्यप
उन्होंने यह भी कहा कि, यह स्वीकृति पूर्व जिला पंचायत सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. रतन दुबे जी, भाजपा नेता स्व.सागर साहु जी और भाजपा नेता स्व.कोमल मांझी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इस मार्ग को लेकर बार-बार आवाज उठाई थी। यह सड़क न केवल ग्रामीणों को राहत देगी, बल्कि इस रूट से रोजाना चलने वाली सैकड़ों माइंस ट्रकों की सुविधा को भी मजबूत बनाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक सेवाएं और रोज़गार के अवसरों तक पहुंच अब सहज हो सकेगी। यह महत्वपूर्ण फैसला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विकासपरक सोच तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव और वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी के समन्वित प्रयासों का प्रतिफल है।

नक्सल गतिविधियों में शामिल परिवार को मिला प्रधानमंत्री आवास का लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 'विशेष परियोजना' के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निवासरत आत्मसमर्पित हितग्राही सोड़ी बुधरी के जीवन में नया संबल और सुरक्षा का एहसास आया है। कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के मार्गदर्शन में जनपद पंचायत कोन्टा के ग्राम चिचोरगुड़ा, ग्राम पंचायत सामसट्टी में बुधरी का पक्का आवास स्वीकृत हुआ, जिससे उनके परिवार का जीवनस्तर बेहतर हुआ है।
आत्मसमर्पण के बाद नई जिंदगी
ग्राम पंचायत सामसट्टी पहाड़ी, घने जंगलों से घिरा संवेदनशील क्षेत्र है, जहां कच्चे मकान में रहने से हर समय सांप, बिच्छू जैसे जीव-जन्तुओं का खतरा बना रहता था। बदलते मौसम और असुरक्षित परिस्थितियों ने जीवन को कठिन बना दिया था। सोड़ी बुधरी ने बताया कि, हम पूर्व में नक्सल गतिविधियों में शामिल थे। उस जीवन में न भोजन की सुरक्षा, न आश्रय, न भविष्य की कोई उम्मीद थी। आत्मसमर्पण के बाद शासन ने न केवल हमें सम्मान दिया, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान देकर जीवन में स्थिरता और खुशहाली दी।

आत्मनिर्भर जीवन की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कुल 1,43,085 रुपये की राशि प्रदान की गई, जिसमें 1,20,000 रुपये आवास निर्माण हेतु तथा मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी के रूप में 23,085 रुपये शामिल हैं। पति-पत्नी ने स्वयं श्रमदान कर अपने घर का निर्माण पूर्ण किया। आज उनका घर न केवल सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि आत्मनिर्भर जीवन की नई शुरुआत भी है।
सोड़ी बुधरी ने सीएम साय का किया आभार व्यक्त
श्रीमती बुधरी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, यह घर केवल ईंट-पत्थर का ढाँचा नहीं है, यह हमारी नई ज़िंदगी है। अब हमें सुरक्षित छत मिली है, बच्चों का भविष्य बेहतर होगा और हम सपरिवार समाज में सम्मान से जी सकते हैं।
समाज की मुख्यधारा से आत्मसमर्पण करने वाले नागरिकों को जोड़ना
जिला सीईओ मुकुन्द ठाकुर ने कहा कि, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नागरिकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना हमारा दायित्व है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी हितग्राहीमूलक योजनाएँ उन्हें सुरक्षा, सम्मान और विकास का अवसर प्रदान कर रही हैं। हम सभी आत्मसमर्पित और नक्सल पीड़ित परिवारों तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
