बस्तर ओलम्पिक में सुकमा के खिलाड़ियों का दबदबा: मड़काम मुन्ना ने व्हील चेयर रेस में जीता गोल्ड, तीरंदाजी में भी रहा दबदबा

बस्तर ओलम्पिक में सुकमा के खिलाड़ियों का दबदबा : मड़काम मुन्ना ने व्हील चेयर रेस में जीता गोल्ड, तीरंदाजी में भी रहा दबदबा
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नुवा बाट तीरंदाजी प्रतियोगिता

बस्तर ओलम्पिक में नुवा बाट तीरंदाजी प्रतियोगिता में सुकमा के नुवा बाट खिलाड़ियों ने तीरंदाजी में दूसरा और तीसरा स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है।

लीलाधर राठी- सुकमा। संभाग स्तरीय बस्तर ओलम्पिक में नुवा बाट तीरंदाजी प्रतियोगिता में सुकमा जिले के खिलाड़ियों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए जिले का नाम रोशन किया है। तीरंदाजी स्पर्धा में सुकमा के नुवा बाट खिलाड़ियों ने दूसरा एवं तीसरा स्थान हासिल कर जिले की खेल प्रतिभा को मजबूती से सामने रखा।

पहली बार बस्तर ओलम्पिक में शामिल होकर रचा इतिहास
नुवा बाट खिलाड़ी मड़काम मुन्ना उम्र 31, निवासी ग्राम मेड़वाही, विकासखंड कोंटा तथा माड़वी सुक्का उम्र 38, निवासी पुसवाड़ा, विकासखंड कोंटा ने पहली बार बस्तर ओलम्पिक में भाग लेते हुए तीरंदाजी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। मड़काम मुन्ना ने नुवा बाट की व्हील चेयर रेस में गोल्ड मेडल हासिल का जिले का नाम रोशन किया। गृह मंत्री अमित शाह ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। साथ ही रजत पदक प्राप्त कर संभाग में दूसरा स्थान हासिल किया, वहीं माड़वी सुक्का ने कांस्य पदक जीतकर तीसरे स्थान पर कब्जा जमाया। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बीजापुर जिले के किशन हपका छोटे तुमनार बीजापुर ने प्राप्त किया।


दिव्यांगता भी नहीं बनी सफलता की राह में बाधा
रजत पदक विजेता मड़काम मुन्ना ने कहा कि आईडी सर्चिंग के दौरान उनका पैर आईईडी पर पड़ गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह अपने जिले, प्रदेश और देश का नाम रोशन करे। बस्तर ओलम्पिक जैसे आयोजनों से उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगली बार वे संभाग में प्रथम स्थान हासिल करने का प्रयास करेंगे। वहीं कांस्य पदक विजेता माड़वी सुक्का ने कहा कि पारंपरिक खेल तीरंदाजी में बस्तर ओलम्पिक के मंच पर खेलकर उन्हें अत्यंत खुशी हुई। उन्होंने नुवा बाट टीम के साथ प्रतियोगिता में भाग लेकर तृतीय स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि हौसलों की उड़ान में दिव्यांगता कभी बाधा नहीं बन सकती।

बस्तर ओलम्पिक बना नुवा बाट खिलाड़ियों के सपनों का मंच
संभाग स्तरीय बस्तर ओलम्पिक पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ ही नुवा बाट और बस्तर संभाग के दूरस्थ और संघर्षपूर्ण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को नई पहचान और आत्मविश्वास भी प्रदान कर रहा है।

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