आदि कर्मयोगी अभियान से सशक्त होगा सुकमा: 2030 तक 277 ग्रामों को बनाया जाएगा आदर्श और आत्मनिर्भर

ग्रामीणों के साथ जिला प्रभारी वी. के. तिवारी
लीलाधर राठी- सुकमा। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में गांवों के सर्वांगीण विकास और ग्रामीणों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाया जा रहा है। जिसके लिए 'धरती आबा जनजातीय ग्रामीण उत्कर्ष अभियान योजना' के तहत चल रहा आदि कर्मयोगी अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इसी अभियान की प्रगति की समीक्षा के लिए ट्राइबल मिनिस्ट्री ऑफ अफेयर्स, नई दिल्ली के असिस्टेंट मैनेजर एवं जिला प्रभारी श्री वी. के. तिवारी ने जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर अभियान की रूपरेखा तथा भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा की।
विलेज एक्शन प्लान के बारे में विस्तार से दी जानकारी
श्री तिवारी ने जिले में चल रहे विकास कार्यों का फोटो दस्तावेजीकरण कर उनकी समीक्षा की और आने वाले वर्षों में योजनाओं को और प्रभावी बनाने पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीणों को विलेज एक्शन प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि, 2030 तक चिह्नांकित 277 ग्रामों को किस रूप में विकसित किया जा सकता है, इस दिशा में ठोस रणनीति बनाई जा रही है।

डाटा सेंटर की कार्यप्रणाली का लिया जायजा
औचक निरीक्षण के दौरान श्री तिवारी ने सुकमा जिले के डाटा सेंटर की कार्यप्रणाली का जायजा लिया और इसकी व्यवस्था की सराहना की। उन्होंने कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव से मुलाकात कर विलेज एक्शन प्लान को लागू करने तथा 2030 तक ग्रामों को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की रूपरेखा पर चर्चा की।

असिस्टेंट कमिश्नर हेमंत सिन्हा भी रहे मौजूद
इस अवसर पर ट्राइबल डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर हेमंत सिन्हा भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने चयनित गांवों के अब तक हुए विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए आगे की रणनीति तय की। शासन का मानना है कि, आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार सुनिश्चित होगा, जिससे आने वाले वर्षों में सुकमा के गांव सशक्त और आदर्श ग्राम के रूप में विकसित होंगे।
