पकी फसल पर फिरा पानी: जशपुर जिले में आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि से किसान निराश, कटाई के लिए तैयार थी धान की फसल

ओलावृष्टि और आंधी- तूफान से धान की फसल बर्बाद
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ओलावृष्टि और आंधी- तूफान से धान की फसल बर्बाद

जशपुर जिले में शुक्रवार रात हुई बारिश और आंधी- तूफान से खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। फसल को काटकर बेचने के सीजन में नुकसान चिंता बढ़ा दी है।

अजय सूर्यवंशी- जशपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों लौटते मानसून का कहर लगातार जारी है। इसी बीच जशपुर जिले के छाता सराई गांव में शुक्रवार रात आई तेज आंधी- तूफान और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। जिसने किसानों के सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया। यहां के कई खेतों में खड़ी धान की फसल बर्बाद हो गई है। वहीं मक्का, टमाटर और अरहर की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत छाता सराई में तेज आंधी- तूफान के साथ ओलावृष्टि हुई। जिसके कारण खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस भारी- भरकम नुकसान ने अब किसानों की चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ प्रदेशभर में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी ऐसे में इस तरफ फसल की बर्बादी चिंता का विषय है।

50 से अधिक किसानों की फसल बर्बाद
देर रात तेज गर्जना और ओलावृष्टि के साथ आई बारिश ने करीब 40- 50 से अधिक किसानों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई स्थानों पर बड़े-बड़े पेड़ खेतों में गिर पड़े, जिससे फसलें दबकर नष्ट हो गईं। किसानों का कहना है कि, उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी और धान की फसल पककर तैयार थी, लेकिन कटाई से पहले ही बारिश और ओलावृष्टि ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।


किसानों में निराशा
किसान अब नुकसान की भरपाई को लेकर चिंतित हैं। इस घटना से क्षेत्र के किसानों में निराशा का माहौल है। कृषि विस्तार अधिकारी जीवन एक्का ने बताया कि, बीती रात की भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि, कृषि एवं राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजकर नुकसान का मूल्यांकन कराया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।



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