GST विभाग की कार्रवाई: गुटखा मालिक गुरुमुख जुमनानी गिरफ्तार, शहर बदलकर कर रहा था कारोबार

गुटखा के मालिक गुरुमुख जुमनानी गिरफ्तार
रायपुर। स्टेट जीएसटी ने राजनांदगांव और दुर्ग में छापे की कार्रवाई कर सितार गुटखा मालिक गुरुमुख जुमनानी को गिरफ्तार किया है। जुमनानी के खिलाफ बगैर पंजीयन चार वर्षों से गुटखा निर्माण कर बेचने और टैक्स चोरी करने का आरोप है। स्टेट जीएसटी की टीम ने 25- 27 जून को जुमनानी के राजनांदगांव और दुर्ग स्थित फैक्ट्री में छापा मारा था। इस दौरान 15 मशीनों से गुटखा निर्माण कराते पाया गया था। इसके बाद उसे नोटिस जारी कर पूछताछ करने तलब किया गया था। नोटिस का जवाब नहीं देने पर जुमनानी को स्टेट जीएसटी के अफसरों ने गिरफ्तार किया है।
स्टेट जीएसटी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, गुरुमुख जुमनानी वर्ष 2021 से सितार गुटखा का अवैध तरीके से निर्माण करने का काम कर रहा है। उसके द्वारा अप्रैल 2021 से सितंबर 2022 के बीच राजनांगदाव स्थित मनकी, खैरागढ़ स्थित ठेलकाडीह में तथा जनवरी 2023 से जून 2023 के बीच मंदिर हसौद तथा भनपुरी में अवैध रूप से गुटखा निर्माण किया जा रहा था। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इन दोनों स्थानों पर 31 मई 2023 को छापे की कार्रवाई की थी।
पूर्व में दो करोड़ का कच्चा माल जब्त
कारोबारी के ठिकानों से एक साल के भीतर स्टेट जीएसटी की टीम ने राजनांदगांव तथा दुर्ग में दो अलग-अलग छापे की कार्रवाई करते हुए गुटखा बनाने का दो करोड़ रुपए का रॉ मटेरियल जब्त किया था। आरोप है कि जुमनानी कार्रवाई होने के बाद मशीनों का नट बोल्ट खोल कर मशीन को दूसरी जगह शिफ्ट कर टिन शेड के नीचे गुटखा निर्माण कराने का काम करता था।
हर तीन महीने में स्थान बदल देता था
स्टेट जीएसटी के अफसरों के अनुसार, गुरुमुख कार्रवाई से बचने हर तीन महीने में गुटखा बनाने की फैक्ट्री का स्थान बदल देता था। दो वर्ष पूर्व रायपुर में कार्रवाई के बाद वह दुर्ग के नंदनी तथा राजनांदगांव में अवैध गुटखा फैक्ट्री संचालित कर रहा था। अफसरों के अनुसार फैक्ट्री का संचालन वह कारोबारी दिन की जगह रात में करवाता था।
रोजाना 25 लाख का कारोबार
जीएसटी की जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके मुताबिक गुरुमुख रोजाना 25 लाख रुपए के गुटखा का कारोबार करता था। इस तरह से उसके द्वारा प्रतिमाह साढ़े सात करोड़ रुपए के गुटखा का बिजनेस किया जा रहा था। गुटखा फैक्ट्री संचालित करने कारोबारी स्थानीय की जगह मध्यप्रदेश से मजदूर बुलाकर काम करवाता था। काम करने आए मजदूरों को फैक्ट्री से बाहर जाने की अनुमति नहीं होती थी। स्टेट जीएसटी के आरोपों के मुताबिक कारोबारी मजदूरों को बंधक बनाकर काम करवाता था।
गुटखा का कारोबार करने सुपारी का काम
अफसरों के अनुसार, गुरुमुख का बेटा सागर का कोमल फूड के नाम से सुपारी का दुर्ग में थोक कारोबार है। सागर सुपारी की बिक्री दर्शाकर सुपारी अपने पिता को दे देता था। सुपारी का कारोबार करने का कारण सुपारी में पांच प्रतिशत जीएसटी लगना है, जबकि तब गुटखा में 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था। इस तरह से सुपारी कारोबार की आड़ में गुटखा बनाकर कारोबारी 23 प्रतिशत जीएसटी चोरी करता था। गुटखा पाउच में कीमत प्रिंट नहीं होने पर 204 प्रतिशत सेस लगता है।
