राज्य सरकार ने बनाया नया नियम: महिला कर्मियों से सुरक्षित वातावरण में रात 9 से सुबह 6 बजे तक लिया जा सकेगा काम

राज्य सरकार ने बनाया नया नियम :  महिला कर्मियों से सुरक्षित वातावरण में रात 9 से सुबह 6 बजे तक लिया जा सकेगा काम
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छत्तीसगढ़ में अब किसी महिला कर्मी से रात 9 से लेकर सुबह 6 बजे तक काम लिया जा सकता है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब किसी महिला कर्मी से रात 9 से लेकर सुबह 6 बजे तक काम लिया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ये शर्त भी है कि कार्यस्थल पर महिला कर्मी के लिए पूरी तरह सुरक्षित वातावरण होना चाहिए। यह नियम उन दुकानों या स्थापनाओं पर लागू होगा, जहां दस या उससे अधिक कर्मी काम करते हैं। राज्य सरकार ने यह बदलाव करने के लिए छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) संशोधन विधेयक राज्य विधानसभा में पेश किया था। इस विधेयक को विधानसभा से मंजूरी मिल गई है।

संशोधन में कहा गया है कि, किसी महिला को, सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे के मध्य को छोड़कर, दुकान या स्थापना में अपेक्षित या अनुज्ञात नहीं किया जायेगा, परन्तु यह कि जहां राज्य शासन या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति का समाधान हो जाता है कि आश्रय, विश्राम गृह, रात्रि शिशु गृह, महिला प्रसाधन, उसकी गरिमा, सम्मान एवं सुरक्षा का समुचित संरक्षण, यौन उत्पीड़न से सुरक्षा एवं दुकान एवं स्थापना से उनके विद्यमान निवास के द्वार तक उनको पहुंचाने की व्यवस्था ऐसे दुकान या स्थापना में है, तो यह अधिसूचना द्वारा महिला कर्मकार की सहमति अभिप्राप्त करने के बाद, ऐसी शर्तों, जैसा कि अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाये, के अध्यधीन रहते हुए रात्रि 9 से सुबह 6 बजे तक कार्य करने के लिए उनको अनुज्ञात कर सकेगा।

जरूरी हुआ तो हफ्ते में 48 घंटे से अधिक काम ले सकते हैं
नए संशोधन में कहा गया है कि किसी भी वयस्क कर्मकार से दुकान या स्थापना में सप्ताह में अड़तालीस घण्टे एवं एक दिन में नौ घण्टे से अधिक निरंतर कार्य करने की अपेक्षा नहीं की जायेगी अथवा उन्हें अनुज्ञात नहीं किया जायेगा जब तक कि प्रत्येक पांच घंटे के पश्चात उसे विश्राम अन्तराल, जो आधे घण्टे से कम न हो, नहीं दिया गया हो, परंतु अत्यावश्यक प्रकृति के कार्य की दशा में एवं फैसिलिटेटर की पूर्व अनुमति से, कार्य के घण्टे या साप्ताहिक विश्राम को शामिल की जा सकेगी।

क्यों किया गया है यह बदलाव
राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव के पीछे ये बताया है कि इसके पीछे वजह क्या है। सरकार का कहना है कि श्रमिक विधायन का लक्ष्य राज्य में श्रमिकों के लिए कार्यकारी वातावरण को विनियमित करना तथा उनके कल्याण, सामाजिक सुरक्षा एवं कार्यकारी दशाओं को सुनिश्चित करना है। यह इसलिए जरुरी है क्योंकि राज्य की अर्थव्यवस्था में स्थापनाओं, व्यापार एवं सेवा क्षेत्र का योगदान निरंतर बढ़ रहा है। बदलते हुए औद्योगिक वातावरण, प्रतिस्पर्धा की बढ़ती चुनौती तथा उद्यमशीलता एवं निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु कार्य संबंधी प्रावधानों में लचीलापन लाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

अब 12 घंटे भी ले सकते हैं काम
किसी दुकान या स्थापना में एक पाली में विश्राम अंतराल सहित कार्य के कुल घण्टों की अवधि, साढ़े दस घण्टे से अधिक नहीं होगी और यदि कर्मकार को अनिरंतर प्रकृति के कार्य या अतिआवश्यक कार्य सौपें गये हैं. तो कार्य की कुल अवधि, बारह घण्टे से अधिक नहीं होगी।

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