पेशी पर आए आरोपी ने वकील पर किया हमला: स्टेट बार काउंसिल मेंबर ने की निंदा, बोले- न्यायिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार

स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य शत्रुहन साहू ने वकील पर हुए हमले की निंदा की
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बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य शत्रुहन साहू ने वकील पर हुए हमले की निंदा की

स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य शत्रुहन साहू ने अधिवक्ता पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने ईमेल से गृहमंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है।

गोपी कश्यप- नगरी। स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने अधिवक्ता पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा- यह हमला न्यायिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार है, इस घटना ने पूरे अधिवक्ता समाज को विचलित कर दिया है। आगे उन्होंने मामले में शासन से पुलिस की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं जांच नहीं होने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है।

जशपुर जिले के फरसाबहार में एसडीएम कार्यालय परिसर में युवक ने अधिवक्ता पर हमला कर दिया। घटना की निंदा करते हुए स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़ के सदस्य अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जिसके कहा गया कि, पेशी में आए युवक ने अधिवक्ता चुन्नूराम चौहान पर बोरा सीने वाले नुकीले सूआ से अचानक हमला कर दिया, जिसमें अधिवक्ता घायल हो गए।

न्यायिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार- साहू
साहू ने कहा- तपकरा निवासी आयुष चौधरी, किसी मामले में पेशी पर आया था। बहस के दौरान विवाद बढ़ने पर उसने टेबल पर रखे सूआ से सीधे अधिवक्ता के सिर और आंख पर वार कर दिया। से प्रहार सीधा आंख में नहीं लगा, अन्यथा गंभीर दुर्घटना हो सकती थी। यह घटना न्यायिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।

साधारण धाराओं में FIR दर्ज करना न्याय के साथ खिलवाड़- साहू
साहू ने फरसाबहार पुलिस की आरोपी पर BNS की साधारण धाराएँ 296, 115(2), 351(2) लगाए जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि, यह हमला हल्के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, बल्कि यह गंभीर और संभावित जानलेवा प्रकृति का है। उन्होंने स्पष्ट कहा- यह केवल अधिवक्ता पर हमला नहीं, बल्कि पूरी न्यायिक प्रणाली पर हमला है। अधिवक्ता न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं। उन पर हुए हमले को साधारण धाराओं में दर्ज करना अस्वीकार्य है।

गृहमंत्री को पत्र भेजकर की त्वरित कार्रवाई की मांग
साहू ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उन्होंने इस संबंध में राज्य के गृहमंत्री को ईमेल के माध्यम से विस्तृत पत्र भेजा है, जिसमें आरोपी पर कठोर धाराएँ लगाने, निष्पक्ष जांच कराने और जिला स्तर पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कमजोर है और सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे।

सुदृढ़ नीति लागू की जाए
छत्तीसगढ़ में अधिवक्ताओं पर हमलों की पुनरावृत्ति बढ़ती चिंता साहू ने याद दिलाया कि, यह कोई पहली घटना नहीं है। बिलासपुर में अधिवक्ता पर गंभीर हमला, रायपुर न्यायालय परिसर में अधिवक्ता से मारपीट सरगुजा में महिला अधिवक्ता के साथ अभद्रता व हमला जैसी घटनाएँ पहले भी घटित हो चुकी हैं, लेकिन अब तक अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कोई सुदृढ़ नीति लागू नहीं की गई।

आंदोलन की दी चेतावनी
साहू ने कहा कि, अधिवक्ताओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि आरोपी पर Attempt to Murder जैसी कड़ी धाराएँ नहीं लगाई गईं और पुलिस की भूमिका की जांच नहीं हुई तो अधिवक्ता समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा। अधिवक्ताओं की प्रमुख मांगें आरोपी पर कठोर धाराएँ जोड़ी जाएँ, पुलिस की लापरवाही की जांच की जाए, न्यायालय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए, अधिवक्ताओं की राज्यस्तरीय सुरक्षा नीति बनाई जाए।

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