वकील से मारपीट: सर्व ब्राम्हण समाज ने पुलिस को सौंपा ज्ञापन, कार्यवाही की मांग

पुलिस को ज्ञापन सौंपते हुए
अनिल उपाध्याय- सीतापुर। अंबिकापुर में अधिवक्ता राजेश तिवारी के परिवार पर हुए हमले ने पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल बना दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जिलाध्यक्ष सर्व ब्राम्हण समाज राजेश तिवारी समेत उनकी पत्नी और पुत्र के साथ हुई मारपीट के विरोध में सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा थाने में ज्ञापन सौंपा गया। पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में सर्व ब्राम्हण समाज ने दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की मांग की है।
गौरतलब है कि, बीते दिनों अंबिकापुर के वरिष्ठ अधिवक्ता और सर्व ब्राम्हण समाज के जिलाध्यक्ष राजेश तिवारी उनकी बीमार पत्नी एवंऔर पुत्र के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इस मारपीट की घटना को गांधीनगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक संतोष कश्यप उनके भाई और साथियों ने अंजाम दिया था। जिसकी वजह से वरिष्ठ अधिवक्ता उनकी पत्नी समेत उनके पुत्र को काफी चोट लगी थी।
दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग- सर्व ब्राम्हण समाज
सर्व ब्राम्हण समाज के जिलाध्यक्ष और उनके परिवार के साथ बेरहमी से हुई मारपीट की घटना के बाद सर्व ब्राम्हण समाज में नाराजगी व्याप्त थी। इसी नाराजगी की वजह से सर्व ब्राम्हण समाज सीतापुर द्वारा पुलिस अधीक्षक के नाम थाने में ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें सर्व ब्राम्हण समाज के जिलाध्यक्ष और उनके परिवार के साथ हुई मारपीट की घटना को निंदनीय बताते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई।
मौके पर ये रहे मौजूद
इस दौरान सर्व ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष के पी त्रिपाठी उदयनारायण ओझा रविंद्र मिश्रा दिवाकर दुबे नागेश्वर तिवारी सुशील मिश्रा सत्यनारायण चौबे हेमनाथ शुक्ला हरिनारायण चौबे मिथिलेश तिवारी विपिन ओझा प्रशांत चतुर्वेदी रविंद्र द्विवेदी संदीप मिश्रा पंकज दुबे निरंजन दुबे सुरंजन दुबे अनिल उपाध्याय आकाश द्विवेदी सुनील तिवारी बबलू तिवारी रोहिताश शर्मा आशुतोष मिश्रा अनिल मिश्रा मौजूद रहे।
अधिवक्ता परिवार पर पुलिसकर्मियों का हमला
वहीं इस घटना को लेकर स्टेट बार काउंसिल ऑफ़ छत्तीसगढ़ के नव-निर्वाचित सदस्य अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे न्याय व्यवस्था की गरिमा पर सीधा और खतरनाक प्रहार बताया है। उन्होंने कहा कि, कानून की रक्षा करने की जिम्मेदारी जिन पर होती है, उन्हीं पुलिस कर्मियों द्वारा कानून तोड़े जाने की घटना अत्यंत चिंताजनक है।
अधिवक्ता राजेश तिवारी और उनकी पत्नी से मारपीट
प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने बताया कि, अधिवक्ता राजेश तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी के साथ गांधीनगर थाना क्षेत्र में पदस्थ आरक्षक संतोष कश्यप और उसके भाइयों द्वारा मारपीट की गई। इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने पहुंचे अधिवक्ता राजेश तिवारी और उनकी पत्नी पर भी प्रधान आरक्षक संतोष कश्यप, उसके भाई संदीप कश्यप और अन्य दो व्यक्तियों ने हमला किया। जो न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि नागरिकों व अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाता है।
न्यायिक प्रणाली पर सीधा प्रहार
अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने कहा कि, अधिवक्ता परिवार पर हुआ यह हमला केवल एक परिवार पर अत्याचार नहीं, बल्कि पूरी न्यायिक प्रणाली की पवित्रता और गरिमा पर सीधा और खतरनाक प्रहार है। कानून की रक्षा करने की शपथ लेने वाले पुलिस कार्मिक स्वयं कानून तोड़ने का दुस्साहस कर रहे हैं, जो पूर्णतः अमान्य और अस्वीकार्य है।
कठोर कार्रवाई से घटनाओं पर लगेगी रोक
उन्होंने गृह मंत्रालय एवं शासन-प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करते हुए घटना की उच्च स्तरीय, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर दोषी आरक्षकों और उनके साथियों को तत्काल कठोर दंडात्मक कार्रवाई के दायरे में लाने की मांग की। साहू ने कहा कि, ऐसे प्रकरणों में कठोर कार्रवाई ही भविष्य की घटनाओं पर रोक लगा सकती है।
अधिवक्ता शत्रुहन ने प्रभावी सुरक्षा नीति लागू करने पर दिया जोर
उन्होंने यह भी कहा कि, पीड़ित अधिवक्ता परिवार को हर स्तर पर सुरक्षा, सहयोग और न्याय की पूर्ण गारंटी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ में अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एक व्यवस्थित, मजबूत और प्रभावी सुरक्षा नीति लागू करने पर जोर दिया। अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने स्पष्ट कहा कि, यह हमला पूरी अधिवक्ता बिरादरी का अपमान है। अधिवक्ता समाज इस घटना से आक्रोशित है और पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। न्याय की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहेगा।
