सीतापुर में हाथियों का आतंक: 17 सदस्यों के दल ने इलाके में जमाया डेरा, धान की फसल को पहुंचा रहे नुकसान

हाथियों का दल
अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर में विगत तीन दिनों से नगर से सटे गांवों के जंगलों में जंगली हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है। इस दौरान जंगली हाथियों के समूह ने खेतों में लगे धान के फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। गांवों के आसपास हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में काफी दहशत है। लोग जंगली हाथियों से जानमाल की सुरक्षा को लेकर रतजगा करने को मजबूर हैं। वन अमला जंगली हाथियों की मौजूदगी पर नजर जमाये हुए हैं। लोगों को हाथी प्रभावित क्षेत्र की ओर जाने से रोका जा रहा है ताकि कोई अप्रिय घटना निर्मित न हो सके।
उल्लेखनीय है कि, जंगली हाथियों का दल विगत दो दिनों से नगर से सटे ग्राम देवगढ़ में डेरा जमाए हुए था। जंगली हाथियों के इस दल में नर मादा एवं शावक समेत कुल 17 सदस्य है, जो देवगढ़ के पटेल पानी जंगल मे दो दिनों से डेरा जमाए हुए हैं। इस दौरान हाथियों ने सेवानिवृत्त शिक्षक संतराम पैंकरा समेत कई किसानों के खेत मे लगे धान की फसल को नुकसान पहुँचाया है। दो दिनों तक देवगढ़ में डेरा जमाने के बाद जंगली हाथी ग्राम सोनतराई एवं मंगरेलगढ़ से होते हुए मांड नदी पार करके ग्राम धरमपुर पहुँच गए हैं। जहाँ लिपाझरिया के जंगलों में डेरा जमाए हाथियों ने धान की फसल को काफी नुकसान पहुँचाया है।
सीतापुर नगर से सटे गांवों के जंगलों में जंगली हाथियों के दल ने खेतों में लगे धान के फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिससे लोग काफी परेशान हो गए हैं। pic.twitter.com/CwRKPxTMgg
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) October 23, 2025
फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
जंगली हाथियों की वजह से ग्राम धरमपुर निवासी अमृतलाल सलदेव शोभित सुदीखन मंत्री जुगुल एवं इसराइल के खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान हुआ है। गांव में हाथी की मौजूदगी को लेकर वन अमला रेंजर विजय कुमार तिवारी के नेतृत्व में मौके पर डटा हुआ है। लोगों को जंगली हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है ताकि कोई अप्रिय स्थिति निर्मित न हो सके। हाथियों की वजह से गांव की बिजली आपूर्ति बंद है।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
वन विभाग द्वारा गांव में हाथियों की मौजूदगी की सूचना के बाद विद्युत विभाग द्वारा गांव की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। जिसकी वजह से गांव में घुप्प अंधेरा छा गया और लोग मारे दहशत के पूरी रात घरों में दुबके रहे। दरअसल, बिजली की चपेट में आकर होने वाली हाथियों की मौत के बाद उच्च न्यायालय द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्रों में बिजली काटने का निर्देश जारी किया गया था। जिसकी वजह से वन विभाग द्वारा जंगली हाथीयों के आगमन की सूचना के बाद बिजली विभाग द्वारा प्रभावित गांव की बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है। यही वजह है कि ग्राम देवगढ़ में हाथियों की वजह से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी।
जंगली हाथियों की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित
धरमपुर गांव में भी जंगली हाथियों की वजह से रात को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। जिसकी वजह से धरमपुर के लोग काफी दहशत में है। उनका कहना है कि एक तो गांव में जंगली हाथियों की मौजूदगी ऊपर से गांव का बिजली बंद होने से लोग काफी दहशत में है। उनका कहना है कि उच्च न्यायालय के इस आदेश से मानव जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। गांव के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे है। देर रात गांव में हाथियों के विचरण के दौरान अगर इंसान का सामना हाथियों से हो गया तो बिजली के अभाव अंधेरा होने की वजह से इंसान बेमौत मारा जायेगा।
हाथियों की मूवमेंट पर हमारी नजर- रेंजर
इस संबंध में रेंजर विजय कुमार तिवारी ने बताया कि क्षेत्र में कुल 17 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। वन विभाग जंगली हाथियों पर नजर जमाये हुए है। लोगों को लगातार सूचना के माध्यम से हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है। हाथियों द्वारा धान की फसलों को पहुँचाये गए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
