गिरदावरी में कमी पर आक्रोश: सर्व आदिवासी समाज ने किया विरोध- प्रदर्शन, छः सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

गिरदावरी में कमी पर आक्रोश : सर्व आदिवासी समाज ने किया विरोध- प्रदर्शन, छः सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
X

ज्ञापन सौंपते सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी 

धान खरीदी से पूर्व हुए त्रुटिपूर्ण गिरदावरी मे किसानों के खेतों में लगी धान के फसल का रकबा घटाने का आरोप लगाकर सर्व आदिवासी समाज ने विरोध प्रदर्शन किया।

अनिल उपाध्याय- सीतापुर। धान खरीदी से पूर्व हुए त्रुटिपूर्ण गिरदावरी मे किसानों के खेतों में लगी धान के फसल का रकबा घटाने का आरोप लगाकर सर्व आदिवासी समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज ने धान खरीदी से पूर्व किसानों के साथ दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इस रवैये से किसान काफी परेशान है। गिरदावली के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण किसान समितियों में धान बेचने से वंचित हो जायेंगे। इस संबंध में सर्व आदिवासी समाज ने पूर्व पंजीयन के आधार पर किसानों का धन खरीदने समेत छः सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा उचित कार्यवाही की मांग की है। ताकि किसानो को समिति में धान बेचने में सहूलियत हो सके।

विदित हो कि धान खरीदी से पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के खेत मे लगे धान के फसलो की गिरदावरी कराई गई है। इस दौरान सही तरीके से गिरदावरी नही होने के कारण किसानों का के धान का रकबा काफी कम हो गया है। जिसकी वजह से क्षेत्र के हजारों किसान समितियों में उपज के अनुसार धान बेचने से वंचित हो जायेंगे। रकबा घटने से परेशान किसानों ने इसमे सुधार के लिए काफी प्रयास किया पर उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। जिसके बाद सर्व आदिवासी समाज ने किसानों के इस मुद्दे को उठाया और सरकार के इस निर्णय को बेतुका बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।


आदिवासी समाज के अध्यक्ष ने निर्णय को बताया किसान विरोधी
लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में किसानों के धान का रकबा घटाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सुशील सिंह मरावी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह रवैया किसान विरोधी रवैया है। धान खरीदी से पूर्व गिरदावरी के लिए प्रदेश सरकार एवं निजी कंपनियों के बीच अनुबंध हुआ था। अनुबंध के बाद निजी कंपनियों के अप्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा धान की गिरदावरी की गई। जिसमें किसानों का रकबा कम कर दिया गया। जबकि, गिरदावरी का कार्य राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती। विरोध प्रदर्शनक दौरान सर्व आदिवासी समाज के अन्य का वक्ताओं ने भी संबोधित करते हुए सरकार के इस निर्णय को किसान विरोधी निर्णय बताया। विरोध प्रदर्शन के बाद सर्व आदिवासी समाज तहसील कार्यालय पहुँचा। जहाँ उन्होंने किसानों के रकबा में सुधार कराने, पूर्व में हुए पंजीयन के आधार पर धान खरीदी करने, वनभूमि एवं शासकीय भूमि के पट्टाधारी किसानों का धान खरीदी करने समेत छः सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।


समाज के कई पदाधिकारी रहे मौजूद
ज्ञापन में सर्व आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री से किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करने की मांग की है। ताकि, किसान बिना किसी परेशानी के समिति में अपना धान बेच सके। इस दौरान जिला पंचायत सदस्य शिवभरोष बेक, अनिल निराला, आर डी सिंह, सुनील बखला अध्यक्ष सरपंच संघ मैनपाट, नागेश्वर भगत, सुखदेव भगत, शरद गुप्ता, संतोष बेक, पंकज दुबे, रतन यादव समेत काफी संख्या में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी कार्यकर्ता एवं किसान मौजूद थे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story