मजदूर को लगा करंट का झटका: बिजली विस्तार कार्य करते वक्त हादसे का हुआ शिकार, मौत से घर में पसरा मातम

पुलिस थाना सीतापुर
अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर में बिजली विस्तार कार्य मे लगे मजदूर की हाई वोल्टेज करेंट की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद साथ काम करने वाले सहकर्मी उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे और लावारिस हालत में वहाँ छोड़कर भाग निकले। सूचना के बाद देर रात पहुँचे मृतक के परिजनों ने थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव घरवालों को सौंप दिया है। इस मामले में धारा 194 के तहत अपराध दर्ज करते हुए पुलिस युवक के मौत की जाँच में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला थाना क्षेत्र सीतापुर के ग्राम भैंसाखार का है। जहां कलकत्ता की कंपनी कैपकॉन आरडीएसएस बिजली विस्तार का कार्य करा रही है। जिसमे काफी संख्या में स्थानीय और बाहर से आए मजदूर कार्यरत है। इन्ही मजदूरों में एक मजदूर थाना दरिमा क्षेत्र के बड़े दमाली निवासी 30 वर्षीय ललित लकड़ा पिता प्रदीप लकड़ा भी शामिल था। जो कंपनी में बिजली विस्तार में काम कर रहा था। काम के दौरान सोमवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे वो हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
लावारिस हालत में लाश हॉस्पिटल में छोड़कर भागे उसके सहकर्मी
इस घटना में उसका एक साथी भी घायल हुआ है, पर इस बारे में जानकारी देने से अन्य मजदूर कतरा रहे है। हाई वोल्टेज की चपेट में आकर जान गंवाने वाले मजदूर को लेकर उसके सहकर्मी हॉस्पिटल पहुँचे और लावारिस हालत में उसकी लाश हॉस्पिटल में छोड़कर भाग निकले। हॉस्पिटल वालों ने थाने में सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मृतक के बारे में जानकारी इकट्ठा की और उसके घरवालों को इस घटना से अवगत कराया।
जांच में जुटी पुलिस
सूचना के बाद देर रात मृतक के घरवाले सीतापुर पहुंचे और थाने में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम करते हुए पोस्टमार्टम के बाद युवक का शव घरवालों को सौंप दिया। युवक की मौत के मामले में धारा 194 के तहत अपराध दर्ज करते हुए पुलिस ने युवक की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
बिना पंजीकृत मजदूरों से कराया जा रहा बिजली विस्तार का काम
बिजली विस्तार हेतु कंपनी द्वारा जिन मजदूरों से कार्य कराया जा रहा है।उनमें से ज्यादेतर मजदूरो का श्रम विभाग में पंजीयन नही है। जबकि बड़ी कंपनियों द्वारा कराए जाने वाले कामों में पंजीकृत मजदूरों को ज्यादा महत्व दिया जाता है। ताकि काम के दौरान होने वाले हादसों के बाद मृतक के परिवार को बीमा आदि का लाभ मिल सके। बिना पंजीकृत मजदूरों से काम कराना एक तरह से अवैध माना जाता है।
