सबकी चांदी...रेट दो लाख पार: निवेशक खुश, खरीदी का तरीका बदलने से सराफा भी गुलजार

सबकी चांदी....रेट दो लाख पार :  निवेशक खुश, खरीदी का तरीका बदलने से सराफा भी गुलजार
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चांदी के दाम ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। चांदी अब दो लाख रुपए के पार हो गई है।

रायपुर। चांदी के दाम ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। चांदी अब दो लाख रुपए के पार हो गई है। दाम इतने ज्यादा होने के बाद भी पायल, बिछिया सहितअन्य जेवर और चांदी के बर्तनों की बिक्री में शहरों से लेकर गांवों तक कोई कमी नहीं आई है क्योंकि ग्राहकों ने खरीदी का तरीका बदल लिया है, अब कम वजन के जेवर और बर्तन लिए जा रहे हैं।

इसी के साथ पुराने जेवरों को बेचना भी इस समय फायदे का सौदा साबित हो रहा है। निवेश में भी इजाफा हो गया है। इस साल सोने और चांदी के दाम बहुत तेजी से बढ़े हैं। चांदी के दाम इस साल के पहले दिन 88500 रुपए किलो था जो इस समय दो लाख सात हजार रुपए तक पहुंच गया है यानी चांदी के दाम इस साल डबल से भी ज्यादा हो गया है।

खरीदी अब इस तरह से
चांदी के दाम ज्यादा होने के बाद भी इसकी खरीदी कम होने के स्थान पर ज्यादा हो गई है। सराफा कारोबारियों के मुताबिक चांदी के जेवरों में सबसे ज्यादा डिमांड पायल और बिछिया की रहती है। चांदी की पायल सबसे कम दो तोला, इसके बाद 4 से 5 और फिर 8 से 10 तोला की आती है। कीमत ज्यादा होने पर अब मध्यम वर्ग के ग्राहकों ने 8 से 10 तोला के स्थान पर 4 से 5 तोला की पायल लेना प्रारंभ किया है। अमीर वर्ग ही 8 से 10 तोले की पायल ले रहा है। गरीबों ने 4 से 5 तोला के स्थान पर दो तोला की पायल लेना प्रारंभकिया है। इसी तरह से बिछिया भी कम वजन की ली जा रही है। पहले 4 से 10 ग्राम की पायल का 70 फीसदी कारोबार होता था, अब 2 से 5 ग्राम की पायल का कारोबार 80 फीसदी हो रहा है। इससे ज्यादा वजन वाली पायल का कारोबार कम है। सराफा कारोबारियों के मुताबिक पहले चांदी की जो थाली 10 इंच वाली 500 से 600 ग्राम की आती थी, वह अब 400 ग्राम की भी बनने लगी है, इसमें सिर्फ गेज का फर्क है जो थोड़ा पतला रहता है। कई बर्तन और जेवर भी अब कम वजन में बनने लगे हैं।

ग्राहक कहते हैं शादियों में जरूरी है
सराफा में खरीदी करने आए ग्राहकों का कहना है पायल और बिछिया शादियों में शगुन के तौर पर जरूरी होता है, इसलिए खरीदने आए हैं। बजट को देखते हुए मोटी पायल की जगह डिजाइनर और पतली पायल पसंद कर रहे हैं।

खरीदी का तरीका बदला
चांदी के जेवरों के थोक कारोबारी लक्ष्मी नारायण लाहोटी ने बताया कि,चांदी के दाम बढ़ने के कारण खरीदी का तरीका बदला है। अब ग्राहक कम वजन की पायल, बिछिया, अन्य जेवर और बर्तन ले रहे हैं। कारोबार कम होने के स्थान पर बढ़ा है, क्योंकि इस समय चांदी को निवेश के लिए बेहतर माना जा रहा है।

पुराने जेवर बेचने पर भी चांदी
आमतौर पर चांदी के दाम साल भर में 5 से दस हजार रुपए किलो से ज्यादा नहीं बढ़ते हैं। ऐसे में चांदी के पुराने जेवरों को बेचना हमेशा से घाटे का सौदा रहा है, लेकिन अब चांदी के जेवरों को बेचने से भी चांदी हो रही है। उदाहरण के लिए इस साल जब चांदी के दाम एक लाख रुपए किलो यानी हजार रुपए दस ग्राम के थे, तब दस तोले की पायल लेने पर दस हजार रुपए लगे थे। इस डिजाइनर पायल को आज बेचने पर अगर इसमें तीस फीसदी की कटौती होती है तो भी इसके 14 हजार रुपए मिलेंगे। अगर यही पायल चार साल पहले 600 रुपए तोले के हिसाब से ली गई होगी तो 6000 रुपए की पायल के आज 14 हजार रुपए मिल जाएंगे।

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