रंग लाई सुरक्षा बलों की मेहनत: बस्तर, कोंडागांव के बाद अब दंतेवाड़ा और कांकेर जिला होगा नक्सलवाद से मुक्त

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महेन्द्र विश्वकर्मा - जगदलपुर। बस्तर में आखिरकार सुरक्षा बलों की मेहनत रंग लाई है। लगभग 40 साल से नक्सलवाद का शिकार रहा बस्तर एवं कोंडागांव जिला नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है, दंतेवाड़ा एवं कांकेर जिले के भी शीघ्र ही नक्सल मुक्त होने की संभावना है। बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा एवं नारायणपुर जिले अभी भी नक्सल प्रभावित हैं। बीते वर्षों में सुरक्षा बलों, राज्य सरकार और स्थानीय जनता के संयुक्त प्रयासों से बस्तर में शांति की बहाली हुई है। वर्तमान में माओवादियों के बड़े लीडर 12 एवं छोटे 150 नक्सली अभी भी बचे हुए हैं, जिनके लिए नक्सल ऑपरेशन जारी है। कई मुठभेड़ में नक्सली संगठन के बड़े लीडर समेत कई ईनामी नक्सली मारे गए।इससे बस्तर संभाग में नक्सली संगठन कमजोर हुआ है।
फोर्स के लगातार नक्सल ऑपरेशन और सर्चिग अभियान चलाए जाने से बस्तर में उनकी कमर टूट गई है। बस्तर संभाग के सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र,ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से लगती है, इनमें कई बॉर्डर पर नक्सली सक्रिय हैं, जिनका खात्मा करने के लिए फोर्स के जवान लगातार सचिंग कर रहे हैं।बस्तर संभाग में वर्ष 2024 में 120 मुठभेड़ हुए तथा 217 माओवादियों के शव एवं 286 हथियार बरामद कि गए। इसी प्रकार 792 माओवादियों द्वारा शासन के समक्ष समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के लिए आत्मसमर्पण तथा सुरक्षा बलों द्वारा 930 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इसी क्रम में वर्ष-2025 में लगातार कार्रवाई करते हुए 9 दिसम्बर 2025 की अवधि में सुरक्षा बलों द्वारा प्रभावी कार्रवाई करते हुए 96 मुठभेड़ में 252 माओवादियों के शव एवं 628 हथियार बरामद किए गए हैं एवं 1514 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया है तथा 866 माओवादियों की गिरफ्तारी की गई है।]
क्रमांक | विवरण | वर्ष - 2020 | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 | योग |
| 1 | मुठभेड़ | 109 | 82 | 69 | 69 | 123 | 96 | 548 |
| 2 | मरे गए नक्सलियों के शव बरामद | 40 | 51 | 30 | 20 | 217 | 252 | 610 |
| 3 | शहीद सुरक्षाकर्मी | 36 | 46 | 10 | 25 | 19 | 23 | 159 |
| 4 | आत्मसमर्पित नक्सली | 342 | 551 | 415 | 398 | 792 | 1514 | 4012 |
| 5 | गिरफ्तार नक्सली | 436 | 494 | 291 | 428 | 929 | 866 | 3446 |
| 6 | विस्फोट की घटनाएं | 50 | 21 | 28 | 47 | 52 | 67 | 265 |
| 7 | नक्सली हथियार जब्त | 89 | 80 | 61 | 35 | 286 | 628 | 1179 |
| 8 | आईईडीज जब्त | 278 | 163 | 128 | 242 | 308 | 700 | 1819 |
| 9 | नक्सलियों द्वारा मारे गए जनता | 47 | 33 | 36 | 41 | 71 | 46 | 274 |
हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं
बस्तर रेंज के आइजी सुंदरराज पट्टीलिंगम ने कहा कि माओवादियों का शीर्ष नेतृत्व टूट चुका है। उन्होंने बारसे देवा, पापा राव सहित सभी कैडरों से अंतिम अपील करते हुए कहा कि अब भी समय है, हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। देरी करने का कोई अर्थ नहीं। अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जो नहीं लौटेंगे, उनका अंजाम बसवराजू और हिड़मा जैसा होगा।
2025 में मारे गए शीर्ष माओवादी
19 जनवरी को जयराम उर्फ चलपति (गरियाबंद), 31 मार्च को गुमडावेली रेणुका (बीजापुर), 21 अप्रैल को विवेक मांझी (झारखंड), 21 मई को बसवा राजू उर्फ नंबाला केशवा राव (अबूझमाड़), 5 जून को सुधाकर उर्फ थेंटू लक्ष्मी (बीजापुर), 18 जून को उदय उर्फ गजराला रवि (आंध्रप्रदेश), 11 सितंबर को मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण (गरियाबंद), 14 सितंबर को सहदेव सोरेन (झारखंड), 22 सितंबर को गुडसा उसेंडी (नारायणपुर, अबूझमाड़), 22 सितंबर को कोसा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी (नारायणपुर, अबूझमाड़), 18 नवंबर को माड़वी हिड़मा (मारेडुमिली, आंध्रप्रदेश) एवं 19 नवंबर को जोगा राव उर्फ टेक शंकर (मारेडुमिली, आंध्रप्रदेश) शामिल हैं।
