डायवर्सन के लिए अब एसडीएम का चक्कर खत्म: ऑनलाइन अर्जी के 16वें दिन घर बैठे आएगा आदेश , अधिसूचना जारी

डायवर्सन के लिए अब एसडीएम का चक्कर खत्म: ऑनलाइन अर्जी के 16वें दिन घर बैठे आएगा आदेश, अधिसूचना जारी
X

File Photo 

छत्तीसगढ़ में अब जमीन के डायवर्सन के लिए अब सक्षम प्राधिकारी के रूप में एसडीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब जमीन के डायवर्सन के लिए अब सक्षम प्राधिकारी के रूप में एसडीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ये पूरा सिस्टम अब ऑनलाइन तरीके से होगा। आवेदन के बाद 15 दिन में अगर विभाग से आदेश जारी नहीं हुआ तो 16वें दिन पोर्टल से ऑटो मोड में आदेश जारी हो जाएगा। हरिभूमि ने पिछले दिनों सबसे पहले इस संबंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।

अब राजस्व विभाग ने भू-राजस्व संहिता में संशोधन का आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि किस तरह की जमीन के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। राजस्व विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में बताया गया है कि किन क्षेत्रों की जमीनों के डायवर्सन के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होगी। नगर निगम एवं नगरपालिका क्षेत्रों, नगर निगम तथा नगरपालिका की बाह्य सीमाओं से 5 किमी के क्षेत्रों, नगर पंचायत क्षेत्रों, नगर पंचायत की बाह्य सीमाओं से 2 किमी के क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों में यह आवश्यकता नहीं होगी। इसी अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा विहित रीति से उक्त भूमियों का पुनर्निर्धारण किया जाएगा।

अब होगी ये प्रक्रिया
नए प्रस्तावित नियम के मुताबिक, अब इस काम के लिए सरकार ने एक पोर्टल बनाया है। किसी व्यक्ति को अगर अपनी जमीन का डायवर्सन कराना हो तो वह ऑनलाइन माध्यम से पोर्टल में आवेदन करेगा। साथ ही क्षेत्र के हिसाब से डायवर्सन के लिए तय भू-राजस्व और प्रीमियम दर का ऑनलाइन पेमेंट करना होगा। यह प्रक्रिया होने के बाद वह आवेदन ऑनलाइन माध्यम से संबंधित जिले के क्षेत्र के एसडीएम के पास जाएगा। एसडीएम को इस आवेदन पर 15 दिनों के भीतर कार्यवाही कर डायवर्सन का आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। अगर एसडीएम ने यह नहीं किया तो 16वें दिन ऑटोमेटिक सिस्टम से आदेश जारी होगा और जमीन का डायवर्सन हो जाएगा।

अब लागू होंगी प्रीमियम दरें
खास बात ये है कि नए सिस्टम में डायवर्सन के लिए प्रीमियम दरें लागू होंगी। मोटे तौर पर यह 3 रुपए वर्गमीटर से लेकर 25 रुपए वर्गमीटर तक रखी गई हैं। यह दर नगर निगम, पालिका और नगर पंचायतों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग होगी। जो आवासीय प्रयोजन, आवासीय इकाई, कॉलोनी परियोजना, वाणिज्यक, औद्योगिक और मिश्रित प्रयोजन, सार्वजनिक, संस्थागत और चिकित्सा सुविधाओं तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए अलग-अलग होगी।

राजस्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर बताया- किन क्षेत्रों में सक्षम प्राधिकारी की अनुमति जरूरी नहीं होगी

अब होगा ये बदलाव
छत्तीसगढ़ में अब जमीनों के डायवर्सन के लिए अब शहरों से लेकर गांवों तक में किसानों, भूमि स्वामियों को एसडीएम के दफ्तर में चक्कर लगाने से पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा। राज्य सरकार ने प्रक्रिया में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर इसे प्रस्तावित कर दिया है। इस पर दावा-आपत्ति के बाद यह सिस्टम लागू हो जाएगा। इस काम के लिए एक अलग पोर्टल भी बनाया जा रहा है।

ये है मामला
राज्य सरकार ने डायवर्सन के मामलों को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता व्यपवर्तित भूमि के लिए भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निधारण नियम-2025 बनाया है। इस पर दावा-आपत्ति के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। इस समय के भीतर आने वाली दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

अब नहीं लगाने होंगे एसडीएम दफ्तर के चक्कर
छत्तीसगढ़ में यह नियम लागू होने से पहले जमीनों का डायवर्सन एक लंबा समय लेना वाला एक पेचीदा काम बना हुआ था। डायवर्सन के लिए आवेदन देने के बाद एसडीएम को आदेश जारी करने के लिए ही 60 दिन यानी दो माह का समय दिया जाता था, लेकिन इसके बाद भी यह प्रक्रिया आसान नहीं थी। बड़ी संख्या में लोग आवेदन देने के बाद एसडीएम दफ्तर के चक्कर लगाते रहते थे। यही कारण है कि राज्य में डायवर्सन के हजारों प्रकरण लंबित हैं, लेकिन अब इस पर विराम लगेगा। यही नहीं, डायवर्सन के लिए होने वाली अघोषित लेन-देन पर पूरी तरह रोक लगने की उम्मीद है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story