हिंदी के 300 छात्रों की उपस्थिति जीरो: फिर भी मिल गई परीक्षा में बैठने की अनुमति

हिंदी के 300 छात्रों की उपस्थिति जीरो : फिर भी मिल गई परीक्षा में बैठने की अनुमति
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File Photo 

साइंस कॉलेज में बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर हिंदी के 300 छात्रों की क्लास एक भी दिन नहीं लगी और अब इन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है।

बिलासपुर। ऑटोनॉमस मतलब मेरी मर्जी ऐसी ही हालत साइंस कॉलेज की हो गई है। हाल यह है कि बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर हिंदी के 300 छात्रों की क्लास एक भी दिन नहीं लगी और अब इन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है नियमानुसार 75% की उपस्थिति इसके लिए जरूरी है लेकिन इसको भी नजर अंदाज किया जा रहा है। इसमें कॉलेज प्रबंधन पर पैसे लेने और चहेतों को लाभ पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं।

सबसे बड़ी बात की जिस अटल यूनिवर्सिटी से यह कॉलेज संबंद है उसके आला अधिकारियों ने भी इस मामले से हाथ खींच लिए हैं। सीपत रोड स्थित साइंस कॉलेज में बीएससी फर्स्ट सेमेस्टर में 300 बच्चों ने हिंदी विषय का चयन करते हुए एडमिशन लिया है। यह बच्चे गणित और विज्ञान समूह दोनों के हैं। दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत कोई भी छात्र एक सामान्य विषय के तौर पर हिंदी या अंग्रेजी का चयन कर सकता है।

परीक्षा 25 से और अब एक्स्ट्रा क्लास लगाने की कह रहे बात
साइंस कालेज प्रबंधन ने बकायदा परीक्षा समय सारिणी भी जारी कर दी है। इसमें सोमवार 25 नवंबर से पेपर लिए जाने हैं। अब जब छात्रों ने शिकायत की है तो कालेज प्रबंधन एक्स्ट्रा क्लास लेकर उपस्थिति को बढ़ाने की बात कर रहा है। इससे पहले हिंदी विभाग की ओर से भी प्राचार्य को पत्र लिखा गया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई थी। विभाग के मुताबिक छात्र की सेमेस्टर परीक्षा के दौरान आयोजित कुल कक्षाओं (व्याख्यान, प्रायोगिक ट्यूटोरियल आदि सहित) में न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य है। जो कि एक भी छात्र का नहीं है।

300 बच्चों की पढ़ाई के लिए एक कमरा
इसके साथ ही यूजीसी एवं शासन के मापदण्ड पर नजर डालें तो एक कक्षा में अधिकतम 60 बच्चों की पढ़ाई एक साथ कराई जा सकती है। साइंस कालेज में लेकिन इसका बिलकुल ध्यान नहीं रखा गया है। दो सेमेस्टर की पढ़ाई निकल चुकी है और अभी तक 300 बच्चों के क्लासेस का विभाजन नहीं किया गया है। इसलिए शिक्षकों ने भी पढ़ाने से इंकार कर दिया है। हिंदी विभाग की एक शिक्षिका ने क्लास विभाजन और कम से कम चार वर्ग बनाने की मांग करते हुए प्राचार्य को कई बार पत्र लिखा लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया।

सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते
अटल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार तारणीश गौतम ने बताया कि, इस बारे में शिकायत मिली थी लेकिन अटल यूनिवर्सिटी की ओर से सीधे हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता क्योंकि साइंस कालेज आटोनामस है। कालेज के प्राचार्य, परीक्षा विभाग के प्रभारी और हिंदी विभाग के शिक्षकों को मिलकर समस्या का समाधान निकालने कहा गया है। छात्रों को परीक्षा से बाहर करना ठीक नहीं होगा। एक्स्ट्रा क्लासेस लेकर उपस्थिति और पढ़ाई दोनों कराई जा सकती है।

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