मासूम को अमानवीय सजा: हाई कोर्ट ने जताई चिंता, शिक्षा सचिव से 9 दिसंबर तक मांगा शपथपत्र

बच्चे को पेड़ पर लटकाने मामले में हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
पंकज गुप्ते - बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से सोमवार को शिक्षकों का अमानवीय व्यव्हार सामने आया था। यहां के निजी स्कूल की शिक्षिकाओं ने बच्चे को सजा देते हुए पेड़ पर कपड़े के सहारे ही लटका दिया था। मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के डिवीजन बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे चिंताजनक बताया है। कोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाते हुए शिक्षा सचिव से 9 दिसम्बर तक शपथपत्र मांगा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला हंस वाहिनी विद्या मंदिर नारायणपुर, आमापारा का है। जहां का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि, एक बच्चे को शिक्षकों ने पेड़ पर कपड़े के सहारे लटकाकर सजा दी है। बच्चा बेचारा उसी हालत में घूम रहा है। वहीं बच्चे को ऐसी सजा क्यों दी गई इसका कारण अब तक सामने नहीं आया है।
अभिभावकों में आक्रोश
वीडियो के वायरल होते ही अभिभावकों में भारी आक्रोश है। सभी ने मामले में संज्ञान लेकर प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग रखी है ताकि ऐसी घटना दोबारा दोहरे न जा सके। वहीं शिक्षा के मंदिर में ऐसी क्रूरता ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।
होमवर्क पूरा न करने पर पेड़ पर लटकाया था
बालक नर्सरी क्लास में पढ़ाई करता है, उसने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया था। जिसके बाद शिक्षिकाओं ने रस्सी के सहारे सजा के तौर पर पेड़ में घण्टों तक लटका दिया। जिस वक्त बच्चे को पेट से लटकाया गया था किसी ग्रामीण ने इसका वीडियो बना सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा स्कूल पर फूट पड़ा। बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर विरोध जताया।
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही
वहीं कई बच्चों ने शिक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा था कि, मैडम कुएं में लटका देती है। यह आरोप बेहद चिंताजनक है। वहीं घटना की वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल शिक्षा विभाग के अधिकारी को मौके पर भेजा। फिलहाल विभाग की टीम मामले की जांच में जुट गई थी। उन्होंने बताया कि, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
लापरवाही के उठे थे सवाल
स्कूल संचालक को यह सजा मामूली लग रही है उनका कहना है कि, बच्चा पढ़ता नहीं था और उसको डराने के लिए ऐसा किया गया है। बरहाल ऐसी तस्वीरें सामने आना कहीं ना कहीं विभाग के ऊपर भी कई सवाल खड़े करती है। ऐसे स्कूलों को जहां पर स्कूल संचालक करने की मूलभूत आवश्यकताओं के ना होते हुए भी मान्यता कैसे मिल जाती है।
घटना के बाद स्कूल की मान्यता रद्द
जांच के दौरान निजी स्कूलों में निम्न अनुसार मानकों में सही नहीं पाए जाने पर मान्यता रद्द कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के 32 निजी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है। आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक को में हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने कहा- सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं,किया जाएगा ऐसी स्कूलों की सख्त जांच होगी।
