हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार: कहा- बच्चों की जान खतरे में डालना बर्दाश्त नहीं, हलफनामा दाखिल करने के दिए निर्देश

बिलासपुर हाई कोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर से स्कूली बच्चों के उफनती नदी को पार करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद अब बिलासपुर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा- बच्चों की जान खतरे में डालना बर्दाश्त नहीं करेंगे। कोर्ट ने सरकार को केंद्र से हुई बातचीत और उठाए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा- बड़े पुल का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। 20 अगस्त को संशोधित डीपीआर गृह मंत्रालय को भेजी गई है। मंजूरी मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी।
जान जोखिम में डाल पुल पार करते हैं बच्चे
उल्लेखनीय है कि, बाढ़ के चलते बीजापुर-बारसूर-चित्रकोट सड़क पर माडर नाले में बना सालों पुराना पुल का एक हिस्सा पूरी तरह से बह गया है। यहां रेका गांव से बच्चे दो किमी दूर रेकावाया स्थित प्राइमरी स्कूल में पढ़ने जाते हैं। चढ़ने- उतरने के लिए गांव वालों ने देशी जुगाड़ जमाते हुए बल्लियों के साथ केबल तार को खींच रखा है। इन्हीं के सहारे लोगों के साथ बच्चे भी चढ़- उतर रहे थे। यह जोखिम भरा है, बावजूद बच्चे स्कूल ऐसे ही जोखिम उठाकर स्कूल जा रहे हैं।
