शिक्षिकाओं की अनुकरणीय पहल: छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था अपने ही खर्च पर कर दी दूर

शिक्षिकाओं ने छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए दरी खरीदी
रायपुर। राजधानी रायपुर के करीब स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरोरा की शिक्षिकाओं ने छात्र- छात्राओं के बैठने की समस्या दूर कर दी है। शिक्षिकाओं ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के बैठने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए आपस में पैसे एकत्र कर दरी खरीदकर भेंट की है। उक्त दरियों की लागत लगभग ₹13.000 की है, जिसे शिक्षिकाओं ने शाला की प्रभारी प्रधान पाठिका श्रीमती अर्चना मेश्राम को शाला उपयोग के लिए सौंपा।
उल्लेखनीय है कि, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में शासन के द्वारा बेंच- टेबल उपलब्ध कराया जाता है, जमीन में बैठने के लिए दरी नहीं दी जाती। किंतु शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरोरा में छात्र-छात्राओं के अनुपात में भवन की कमी और बेंच- टेबल की कमी के चलते कक्षाओं में कुछ छात्र-छात्राओं को जमीन पर बैठना पड़ता है। जिसे देखते हुए शिक्षकाओ ने निर्णय लिया कि, वे स्वयं के व्यय पर विद्यालय के लिए दरी की खरीदी करके विद्यालय को भेंट करेंगी। इससे न केवल बच्चों को बैठने में सुविधा होगी, साथ ही साथ विद्यालय की स्वच्छता भी बनी रह सकेगी।
प्रधान पाठिका ने शिक्षिकाओं की पहल को सराहा
शिक्षिकाओं के द्वारा की गई पहल का प्रधान पाठिका के द्वारा सराहना करते हुए कहा गया कि, जिस तरह से शिक्षिकाएं विद्यालय के शैक्षणिक कार्यों में अपना योगदान प्रदान करती हैं। इस तरह इन्होंने विद्यालय में आधारभूत सुविधा जुटाने के लिए भी अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है।
इन शिक्षिकाओं ने दिया योगदान
उन्होंने कहा कि, सहयोग करने वाली शिक्षिका अंजनी वैष्णव, डामिन ध्रुव, वंदना वर्मा, कृष्णा श्रीवास्तव, शारदा हेड़ाऊ, भारती सेन, यमुना परते मैडम का मुक्तकंठ से सराहना करती हूं। शिक्षिकाओं का यह प्रयास निश्चित रूप से विद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इस दौरान विद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं ने भी शिक्षिकाओं का आभार व्यक्त किया।
