मसानकुड़ा में शराब दुकान का विरोध: ग्रामीण बोले- इससे असामाजिक तत्वों की बढ़ेगी सक्रियता, माहौल भी बिगड़ेगा

मसानकुड़ा में शराब दुकान का विरोध
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विरोध करते हुए महिलाएं और बच्चे

सारंगढ़ जिले के ग्राम मसानकूड़ा में प्रस्तावित शासकीय मदिरा दुकान के खिलाफ ग्रामीणों का तीखा विरोध देखने को मिल रहा है।

देवराज दीपक- सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले के बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मसानकूड़ा में नवीन शासकीय मदिरा दूकान खोलने पर ग्रामीण महिलाओं में काफ़ी आक्रोश है, गांव मे प्रशासन के फैसले के खिलाफ उफान छिड़ गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि, ये मदिरा दूकान लेंध्रा पंचायत मे खुलने स्वीकृति हुआ है। पर हमारे गांव के नजदीक खुल रहा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। मासूम बच्चों के सपनों के बीच नशे का अड्डा खोलने की तैयारी को ग्रामीण खुले शब्दों में समाज और भविष्य पर हमला बता रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर गांव के छोटे-बड़े, स्त्री-पुरुष, युवा-बुजुर्ग सभी एक साथ खड़े हैं। उनका एक ही स्वर है कि, यह दुकान किसी भी कीमत पर यहां नहीं खुलेगी।

बच्चियों की सुरक्षा पर संकट गहराएगा- ग्रामीण
बहरहाल ग्रामीणों ने कहा है कि, जहां बच्चे रोजाना स्कूल जाते हैं, उसी मार्ग पर शराबियों की भीड़ का जमावड़ा कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। स्कूल केवल 300 से 400 मीटर दूर है। बच्चियों की सुरक्षा पर संकट गहराएगा। गांव का माहौल बिगड़ेगा। असामाजिक तत्वों की सक्रियता बढ़ेगी और घर-घर में चिंता का साया लटक जाएगा।

ग्रामीणों का सख्त संदेश
ग्रामीणों के अनुसार, यह फैसला गांव की शांति-सौहार्द पर सीधा हमला है। बच्चे, जिन्हें कल इस देश की नींव बनना है, वे नशेड़ियों की नजरों और शोर के बीच कैसे शिक्षा पाएंगे। अभिभावक कहते हैं कि, प्रशासन यदि गांव की भविष्य पीढ़ी के साथ खिलवाड़ करेगा, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। ग्रामीणों ने कड़े शब्दों में कहा कि, हमारी बेटियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी निर्णय को हम जड़ से उखाड़ फेंकेंगे। प्रशासन चाहे जो कर ले, बच्चों के भविष्य पर कोई समझौता नहीं होगा।

ग्रामीणों ने दी प्रशासन को अंतिम चेतावनी
बता दें कि, हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि गांव की जनता ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी जारी कर दी है। यदि शराब दुकान नहीं हटाई गई तो बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है और कहा कि, यह मांग केवल अनुरोध नहीं बल्कि गांव की दी गई अंतिम चेतावनी है। ज्ञापन की प्रतियां जिला कलेक्टर, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत और आबकारी विभाग को भेजी गई हैं। जिससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि, मसानकूड़ा गांव इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं करेगा।

आसपास शराब का कारोबार फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा- ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि, यदि बच्चों की राह में नशे की दुकान खड़ी की गई, तो गांव के लोग अपने दम पर वह दुकान गिराने से परहेज नहीं करेंगे। किसी भी हालत में गांव के आसपास शराब का कारोबार फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा। यह लड़ाई केवल एक दुकान की नहीं, यह गांव की अस्मिता की लड़ाई है। यह बेटियों की सुरक्षा की लड़ाई है। यह नए कल, नए सवेरे और उज्जवल भविष्य की लड़ाई है। मसानकूड़ा गांव के लोगों ने साफ कर दिया है कि शराब दुकान यहां नहीं चलेगी। और अगर प्रशासन अपनी जिद से बाज नहीं आया तो आने वाले दिनों में आंदोलन की आग और भी प्रचंड होगी और इसका झटका शासन तक महसूस करेगा।

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