रेत रॉयल्टी पर्ची की वैल्यू खत्म: खदान लेते वक्त एकमुश्त रकम जमा करनी होगी, सरकार को मिलेंगे 500 करोड़

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने रेत खदानों की नीलामी का नया नियम बनाया है। खास बात ये है कि अब खदान के लिए जितने रकबे की पर्यावरण सम्मति मिलेगी उसी हिसाब से ठेकेदार को पूरे रकबे की राशि चार किस्तों में खनिज विभाग को जमा करनी होगी। इस प्रक्रिया के बीच रेत रॉयल्टी पर्ची की वैल्यु खत्म हो जाएगी। ठेकेदार अब अपने ही क्षेत्र में रेत खनन करे या नहीं करे उसे रेत मूल्य अदा करना होगा।
अनुमान है कि, इस प्रक्रिया के जरिए सरकार को 500 करोड़ रुपयों तक का राजस्व मिलेगा। अब तक रेत से मात्र 30 करोड़ ही मिलते थे। राज्य सरकार ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ गौण खनिज थे। राज्य सरकार ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यावसाय) नियम 2025 बनाया है। यह नियम लागू भी हो गया है। अब रेत के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई जाएगी। समिति में जिला कलेक्टर द्वारा जिला स्तर पर अधिकारी शामिल किए जाएंगे। इसी समिति के अनुसार रेत खनिज की उपलब्धता, नदी का बहाव, आदि का परीक्षण कर खनन क्षेत्र का चिन्हांकन, सीमांकन, किया जाएगा और जिला कलेक्टर द्वारा खदान घोषित किया जाएगा।
अब इस तरह राजस्व मिलेगा 500 करोड़
खनिज विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो नई प्रक्रिया से राज्य सरकार को रेत से करीब 500 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की संभावना है। जबकि इसके पहले तक रेत से मात्र 30 करोड़ तक की राशि मिलती थी। अब होगा ये कि एक ठेकेदार को जितने क्षेत्र में रेत खनन के लिए पर्यावरण सम्मति मिलेगी उसमें रेत की मात्रा के हिसाब से चार किस्तों में राशि जमा करनी होगा। ठेकेदार रेत खनन करे या नहीं करे, उसे राशि जमा करनी ही होगी। अनुमान है कि अब एक खदान के लिए कम से कम एक करोड़ रुपए राशि अदा करनी होगी। यह भी उल्लेखनीय है पड़ोसी मप्र को रेत से सालाना 1200 करोड़ तथा तेलंगाना को 800 करोड़ रुपए मिलते हैं।
अब रॉयल्टी पर्ची की वैल्यू खत्म
अब से पहले ये होता था कि ठेकेदार अपने क्षेत्र में जितनी रेत का खनन करता था, उसके हिसाब से रॉयल्टी पर्ची कटती थी और उसी के हिसाब से सरकार को राजस्व मिलता था। माना जाता है कि ठेकेदार अगर दिन भर में 20 ट्रक रेत निकालता तो अपनी मर्जी से 5 या 10 ही पर्ची कटवाता था। लेकिन नई प्रक्रिया में रॉयल्टी पर्ची की कोई वैल्यु नहीं रह जाएगी। पट्टाधारी, शासन द्वारा समय -समय पर निर्धारित रॉयल्टी प्रति घन मीटर की दर से चार किस्तों में जमा करेगा।
मौजूदा ठेकेदारों के आवेदन अमान्य
राज्य में नया नियम लागू होने के साथ ही पूर्व में उत्खनन पट्टा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र के हेतु) नियम 2023 के तहत सभी आवेदन अमान्य हो जाएंगे। लेकिन ऐसे प्रकरण जो गौण खनिज साधारण रेत नियम 2019 तथा - छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत का उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 के तहत अनुबंधित है, उन पट्टों पर शेष कालवधि तक लागू पट्टे की, सभी शतों के अध्याधीन मान्य समझा जाएगा।
अब बोली लगेगी रिवर्स ऑक्शन से
नए नियम के तहत अब जिला कलेक्टर रेत खदानों की नीलामी रिवर्स ऑक्शन से करेंगे। इशके लिए आमंत्रण की सूचना विभगीय वेबसाइट, समाचार पत्रों में प्रकाशन, संबंधित जिला कलेक्टर, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, एवं स्थनीय नगरीय निकाय के सूचना पटल पर प्रदर्शित की जाएगी।
अब कितनी हो सकेगी नदी की खुदाई
नियम में साफ किया गया है कि नदी की सतह से तीन मीटर की गहराई या नदी में बैड रॉक के उपर एक मीटर तक ही साधारण रेत का उत्खनन किया जाएगा। नदी के दोनों तटो से नदी की चौड़ाई का 10 प्रतिशत क्षेत्र छोड़कर उत्खनन किया जाएगा। किसी प्राकृतिक जल स्रोत, बांध, जलाशय या अन्य किसी संरचना से सौ मीट की दूरी के भीतर उत्खनन नहीं किया जाएगा। किसी पुल, राष्ट्रीय या राजमार्ग से दो सौ मीटर के भीतर उत्खनन नहीं किया जाएगा।
खनन पट्टे का पात्र कौन होगा
उत्खनन पट्टे की पात्रता के संबंध में कहा गया है कि, बोलीकर्ता ऐसे व्यक्ति होना चाहिए जो छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो य कंपनी, फर्म, सोसाइटी, सहकारी सोसाइटी होने पर संबंधित अधिनियम, नियम के अधीन जीकृत होना चाहिए।
