सरकारी स्कूल का गुपचुप तरीके से फर्नीचर बिक्री: कबाड़ बताकर निजी स्कूलों को दिया, बच्चों के परिजनों ने किया जमकर हंगामा

डेविड साय- कसडोल। छत्तीसगढ़ के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा में फर्नीचर की बिक्री का मामला सामने आया है। यहां की शाला विकास समिति ने गुपचुप तरीके से प्रस्ताव तैयार कर स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए आए टेबल कुर्सी को निजी स्कूलों में 400 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिक्री कर दिया। वहीं इस पूरे मामले का तूल पकड़ता देख निजी स्कूलों ने शासकीय स्कूल से खरीदे टेबल कुर्सी को 3 वाहनों में भरकर वापस भेज दिया।
टेबल- कुर्सी बिक्री की जानकारी मिलने के बाद जिसे परिजनों ने शासकीय स्कूल के गेट के सामने ही रोककर हंगामा किया। विद्यालय में करीब 8 दिन पहले शाला विकास समिति की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल और शाला विकास समिति के अध्यक्ष सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। इस दौरान सब की सहमती से बच्चों के बैठने की कुर्सी- टेबल को बेचने की योजना बनाई।
कसडोल। शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल टुंडरा में शाला विकास समिति ने गुपचुप तरीके से बच्चों के बैठने के लिए आए टेबल- कुर्सी को निजी स्कूलों में बेच दिया। जिसके बाद नाराज बच्चों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। #ChhattisgarhNews #news pic.twitter.com/71HZ3QxnDA
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) September 14, 2025
गुपचुप तरीके से बेचने की बनाई योजना
बैठक में प्रस्ताव तैयार किया गया कि, कुर्सी टेबल को कबाड़ बताकर आस- पास के स्कूलों में गुपचुप तरीके से 400 रुपए प्रति नग के हिसाब से बेच देंगे। जिसके बाद फर्नीचर को नगर पंचायत टुंडरा के ज्ञान अमृत विद्यालय टुंडरा और धाविका पब्लिक स्कूल शिवरीनारायण,और ग्राम मोहतरा के एक निजी स्कूलों में बेच दिया गया।

निजी स्कूलों ने वापस भेजा फर्नीचर
पालकों ने जब निजी स्कूलों में जाकर पड़ताल किया तो फर्नीचर बिक्री की बात सामने आई,शासकीय फर्नीचर की बिक्री का खुलासा जब हुआ तो हड़कम मच गया और निजी स्कूलों ने शासकीय स्कूल से खरीदे लगभग 150 नग टेबल कुर्सी को 3 वाहनों में भरकर वापस शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा भेज दिया।

स्कूल प्रबंधन ने दी सफाई
जैसे ही वाहनों में भरकर फर्नीचर वापस स्कूल पहुंचा तो पालकों ने स्कूल गेट के सामने ही सभी वाहनों को रोक दिया और बड़ी संख्या में आक्रोशित परिजन स्कूल परिसर पहुंच गए। शासकीय फर्नीचर को निजी स्कूलों में बेचने की बात को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुंडरा के प्रिंसिपल सिरे से नकार रहे हैं। उनका कहना कि, स्कूल का डिस्मेंटल होना है जिसकी वजह से कबाड़ सामानों को बिक्री कर शाला विकास समिति के खाते में बिक्री से मिली रकम को जमा करना है।
